Tax Saving Options: कमाई पर टैक्स देना किसी को भी अच्छा नहीं लगता है। इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी ITR फाइल करते समय हम यही चाहते हैं कि हमें किसी भी तरह का टैक्स न देना पड़े, लेकिन अक्सर हम टैक्स प्लानिंग में ऐसी चूक कर जाते हैं, जिसका खामियाजा हमें टैक्स के रूप में चुकाना पड़ता है।
यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आपके पास टैक्स बचाने के लिए कई प्रकार के अलाउंस काम में आ सकते हैं। इन अलाउंस को अपनी प्लानिंग में शामिल कर आप अधिक टैक्स बचा सकते है। कई कंपनियां जुलाई के दौरान भी सैलरी कंपोनेंट में बदलाव की सुविधा देती हैं। यदि पिछले साल आपने टैक्स से जुड़ी गलतियां की है तो आप हमारी इन 5 सलाह पर अमल कर अपना टैक्स बचा सकते हैं।
हाउस रेंट अलाउंस
टैक्स बचाने का यह सबसे कारगर और पुराना उपाय है। आपकी कंपनी भी अपने कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस देती ही होगी। यह आपकी बेसिक सैलरी का 40-50 % तक होता है। जब आप टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो उसमें आपको हाउस रेंट अलाउंस की रकम पर टैक्स में छूट मिलती है। ऐसे में अगर आपकी कंपनी हाउस रेंट अलाउंस नहीं देती है तो कंपनी के एचआर से बात जरूर कीजिए, ताकि आप टैक्स बचा सकें।
ट्रैवल अलाउंस
यह भी टैक्स बचाने का एक कारगर जरिया है। इसे Travel Allowance या फिर Conveyance Allowance भी कहा जाता है। यह आपके यात्रा से जुड़े खर्चों को टैक्स सेविंग में शामिल करता है। कंपनी यह अलाउंस आपको घर से ऑफिस आने-जाने के लिए देती है। आपको बता दे कि कुछ कंपनियां आपके कन्वेंस अलाउंस को रीइम्बर्समेंट कर देती हैं।
मील वाउचर्स
कॉरपोरेट कंपनी में नौकरी करने वालों ने मील कूपंस का नाम जरूर सुना होगा। कंपनी टैक्स सेविंग के लिए कर्मचारियों को फूड कूपन या मील वाउचर कूपन देती हैं। यह आपकी सैलरी का ही हिस्सा होता है, इसके तहत रोजाना 100 रु तक का कूपन आपको मिलता हैं। यह कूपन आपको रीइम्बर्समेंट के रूप में मिलता है। यानी कंपनी आपको रोज दो बार खाना-खाने के लिए 50 रु प्रति मील के हिसाब से 100 रु देती है। यह तरीका भी टैक्स सेविंग में मदद करता है।
कार मेंटेनेंस
कंपनियां अपने वरिष्ठ कर्मचारियों को कार मेंटेनेंस अलाउंस देती है, जिससे कर्मचारी को कार के मेंटेनेंस, उसके डीजल या पेट्रोल का खर्च और ड्राइवर की सैलरी मिलती है। कर्मचारियों को 2700 रु से लेकर 3300 रु तक प्रति महीने छूट मिलती है।
लीव ट्रैवल
आपके परिवार के साथ यदि आप छुट्टी बिताने जाते हैं तो इस पर भी कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को लीव ट्रैवल अलाउंस देती हैं। आपको कहीं घूमने जाने के लिए अलाउंस मिलता है। आप 4 साल में 2 बार लंबे टूर पर घूमने जा सकते हैं। इस टूर का जो खर्च होगा उस पर एक तय सीमा तक आपको टैक्स छूट मिलेगी।
Latest Business News