Tax on sale of plot: किसी भी प्रॉपर्टी की खरीद बेच पर लोग सरकार को टैक्स के रूप में कुछ रकम अदा करते हैं। ITR फाइल करते समय लोग टैक्स की बचत करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों को प्लॉट बेचने पर टैक्स किस प्रकार से देते हैं, इसकी जानकारी नहीं हो उन्हें आगे चलकर परेशानी हो सकती है। क्या है LTCG टैक्स? LTCG टैक्स कैसे कैलकुलेट करें, इसके बारे में जानने के बाद इसकी सेविंग कर सकते हैं। आप भी कैपिटल गेन्स टैक्स के बारे में यहां जाने सबकुछ।
क्या है LTCG टैक्स
LTCG टैक्स कई तरह के मुनाफे पर लगाए जाते हैं। LTCG को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहते हैं। किसी भी संपत्ति को बेचने या फिर ट्रांसफर करने की स्थिति में होने वाले मुनाफों के ऊपर LTCG देना जरूरी है। वहीं दूसरी तरफ अगर उन संपत्तियों की बात करें तो इनमें घर,बैंक एफडी, जेवर, शेयर बाजार, संपत्ति, कार, एनपीएस और बॉन्ड की बिक्री शामिल हैं। इन सभी चीजों को बेचने के बाद होने वाले मुनाफे के ऊपर LTCG टैक्स की देनदारी बनती है।
LTCG टैक्स कैसे कैलकुलेट करें
कैपिटल गेन्स टैक्स देने से पहले इसे कैलकुलेट करना जरूरी है। LTCG टैक्स कैसे कैलकुलेट करें इसके बारे में जाने के लिए कई वेबसाइट उपलब्ध है। आमतौर पर किसी प्रॉपर्टी की बिक्री पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स आयकर स्लैब दरों के मुताबिक देते हैं। इसके अलावा उपकर टैक्स के रूप में 3% टैक्स देते हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रॉपर्टी बेचने समय मुनाफे होने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 20% की दर से लागू होता है। इन टैक्स की शेविंग करने के कई उपाय हैं।
कैपिटल गेंस टैक्स की शेविंग कैसे करें
कैपिटल गेंस टैक्स (LTCG) की सेविंग करने के लिए लोग कई तरह के तरीके अपनाते हैं। सबसे आसान और सटीक तरीका एक नई संपत्ति खरीदने के लिए फिर से प्रॉफिट को निवेश करना है। इसके अलावा आप LTCG टैक्स की सेविंग के लिए बॉन्ड्स, नया घर खरीदना, पूंजीगत लाभ खाता योजना में निवेश करना शामिल है। आपको बताते चलें की 36 से अधिक समय होने के बाद इसे बेचने पर टैक्स लागू होता है।
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