सरकार द्वारा बजट पेश करने के बाद कई नियमों में बेहतर बदलाव हुआ है, वहीं अब विदेश से सस्ती पूंजी जुटाना स्टार्टअप्स के लिए थोड़ा कठिन हो सकता है। बता दें कि सरकार ने बड़े निवेश (एंजेल निवेशक) से संबंधित नियमों में बदलाव करके उसे सख्त कर दिया है, जहां विदेश से जुटाई गयी पूंजी पर कुछ शर्तों के साथ 31 % फीसद का टैक्स लिया जायेगा। दूसरी ओर हाल के वर्षो में भारत में स्टार्टअप्स को काफी बढ़ावा दिया गया है, जहां महज 8 साल में सौ से अधिक यूनिकॉर्न 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक पूंजी वाले बन गए हैं। दूसरी ओर अब इन नए आये टैक्स नियमों के प्रस्ताव से लोगों में आशंका का माहौल हो गया है। देखा जाये तो यह तब किया गया है जब स्टार्टअप्स को फंड इक्कट्ठा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में यह परेशानी खत्म होती नहीं दिख रही है।
यह थी मौजूदा व्यवस्था, जानें इसके बारे में
बता दें कि अभी तक स्टार्टअप्स में दो तरह के निवेशकों को एंजेल छूट दी जाती थी, जिसमें वैकल्पिक निवेश फंड अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स के रूप में पंजीकृत वीसी फर्म्स और सभी विदेशी निवेशक सम्मिलित थे। वहीं मौजूदा समय में बजट के फाइनेंस बिल में एक संसोधन के जरिये विदेशी निवेशकों को मिल रही छूट को खत्म कर दिया गया है।
यह है एंजेल टैक्स, जानें इसके बारे में
एंजेल टैक्स की शुरुआत सन 2012 में की गयी थी, बता दें कि इसे मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के उद्देश्य के साथ लाया गया था। वहीं अगर कोई स्टार्टअप्स एंजेल निवेश से फंड को जुटाता है और यह फंड शेयर की फेयर वैल्यू से ज्यादा होता है तो उस पर टैक्स लगाया जाता है। वहीं फिलहाल में इसमें अब 31 फीसद का टैक्स लगेगा।
यह हो सकता है इसका असर
वहीं स्टार्टअप्स आगे के समय में विदेश की ओर रुख कर सकते हैं, क्योंकि विदेशी निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट के खत्म हो जाने से स्टार्टअप्स की गतिविधियों में नकारात्मक असर पड़ेगा। वहीं एंजेल टैक्स के असर से बचने के लिए भारतीय स्टार्टअप्स विदेश में अपना कारोबार फैला सकते हैं, वहीं वह ऐसी जगह का रुख करेंगे जहां इस तरह के टैक्स नियम लागू न हो।
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