SBI ग्राहक डिस्काउंट के साथ ऐसे खरीदें 'सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड', बैंक ने दिया फोन नंबर, गिनाए SGB खरीदने के 6 फायदे
SGB स्कीम की वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी श्रृंखला 22 अगस्त से शुरू हुई थी। यह 26 अगस्त तक चालू है।
त्योहारों की शुरूआत के साथ ही हिंदू परंपरा में सोना चांदी सहित दूसरी खरीदारी का शुभ अवसर भी शुरू हो गया है। यदि आप भी सोने में निवेश की इच्छा रखते हैं तो आपके पास अभी भी कुछ घंटे शेष बचे हैं। महंगाई के इस दौर में सरकार सस्ते में सोना खरीदने का अवसर लेकर आई है। यहां न आपको शुद्ध सोने में निवेश का मौका मिलेगा, वहीं सरकार सोने की खरीद पर डिस्काउंट भी दे रही है।
हम यहां बात कर रहे हैं सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड की। जिसकी इस साल की दूसरी किस्त फिलहाल जारी है। 26 अगस्त को सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड में निवेश का आखिरी दिन है। आप स्टेट बैंक के अलावा किसी भी बैंक से या फिर ऑनलाइन सोने में निवेश कर सकते हैं। इस बीच ग्राहकों को आकर्षिक करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड में निवेश के 6 फायदे बता रहा है। आइए जानते हैं इसके बारे
सबसे पहले जानें कितने का है गोल्ड बॉण्ड
भारतीय रिजर्व बैंक यानि आरबीआई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानि एसजीबी स्कीम की वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी श्रृंखला 22 अगस्त से शुरू हुई थी। यह 26 अगस्त तक चालू है। इसके लिए इश्यू प्राइज 5,197 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। इस पर सरकार ऑनलाइन 50 रूपये प्रति 1 ग्राम का डिस्काउंट भी दे रही है।
कौन ले सकता है गोल्ड बॉण्ड
केंद्रीय बैंक भारत सरकार की तरफ से बांड जारी करता है। ये भारत के नागरिकए अविभाजित हिंदू परिवार ;एचयूएफ, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है।
SBI ने बताए ये फायदे
SBI ग्राहक नेट बैंकिंग के जरिए इसमें निवेश कर सकते हैं। इसके SBI की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉगइन करना होगा। निवेशक SBI के टोल फ्री नंबर 1800 112211 पर फोन कर डिटेल जान सकते हैं।
1. 2.50% ब्याज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के निवेशकों को हर साल 2.5% की सालाना दर से ब्याज मिलेगा। यह ब्याज छमाही आधार पर मिलेगा। यानी 48,070 रुपए के निवेश पर हर साल 1,215 रुपए और 8 साल में कुल मिलाकर 10,630 रुपए ब्याज के तौर पर मिल जाएंगे।
2. कैपिटल गेन टैक्स से छूट
रिडम्पशन पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। यानी अगर गोल्ड बॉन्ड के मैच्योरिटी पर कोई कैपिटल गेन्स बनता है तो इस पर छूट मिलेगी है।
3. लोन सुविधा
बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल का है, लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। लोन लेने के दौरान कोलैटरल के रूप में भी इन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग किया जा सकता है।
4. स्टोरेज की कोई समस्या नहीं
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड डीमैट अकाउंट में होता है जिसमें सिर्फ वार्षिक डीमैट चार्ज देना होता है। इसमें आपके सोने के चोरी होने का डर नहीं होता। वहीं फिजिकल गोल्ड में चोरी के खतरे के अलावा उसकी सुरक्षा में भी खर्च करना होता है।
5.लिक्विडिटी
ये बांड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर ट्रेड भी करते हैं। ऐसे में आप पैसों की जरूरत पड़ने पर इन्हे किसी और को बेच सकते हैं। एनएसई के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है।
6. GST और मेकिंग चार्जेज नहीं
फिजिकल गोल्ड के विपरीत कोई GST और मेकिंग चार्ज नहीं लगता है। इससे इससे होने वाला फायदा ज्यादा रहता है।