Sim card kyc verification digital process: आमतौर पर फर्जी सिमकार्ड के जरिये कई अपराधों को अंजाम दिया जाता है। वहीं सबसे ज्यादा अपराध साइबर फ्रॉड के फर्जी सिम कार्ड के जरिये किये जाते हैं। ऐसे में इन पर अब सरकार नकेल कसने वाली है, जहां सिम कार्ड से जुड़े KYC वेरिफिकेशन को अब पूरी तरह से डिजिटल बनाने का कार्य किया जा रहा है। दूसरी ओर अभी तक एक आईडी में 9 सिम कार्ड किये जाते थे, जहां आगे इनकी संख्या 5 पर सिमट सकती है। आइये इसके बारे में विस्तृत से जानते हैं।
KYC वेरिफिकेशन की डिजिटल प्रोसेस
बता दें सिम कार्ड से जुड़ी KYC वेरिफिकेशन प्रोसेस को पूरी तरह से डिजिटल किया जायेगा, जहां जब भी कोई नई सिम कार्ड लेना चाहेगा तो उसे अपने डॉक्यूमेंट डिजिटल रूप में देने होंगे, इसके साथ ही इन डॉक्युमेंट्स को डिजिटली वेरीफाई किया जायेगा। इसके साथ ही जो भी व्यक्ति फर्जी डॉक्यूमेंट का उपयोग करके सिमकार्ड लेंगे वो तुरंत पकड़ में आ जायेंगे, साथ ही उन पर कठोर कार्यवाही भी की जायेगी।
डिजिटल बनाने पर फोकस
बता दें कि DoT की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट सिम कार्ड KYC वेरिफिकेशन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने के लिए काफी समय से काम कर रही है, जहां अगले 6 महीने के अंदर कभी भी इसको लेकर नए नियम जारी किए जा सकते हैं। इसके साथ ही अभी तक हम लोग एक आईडी पर 9 सिम कार्ड ले सकते थे, जिसे अब सीमित करके 5 कर दिया जायेगा, वहीं जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में एक आईडी पर 6 सिम कार्ड ही एक्टिवेट हो सकते हैं, जिसे भी बदला जा सकता है।
वेरिफिकेशन में आएगी यह नई तकनीक
बता दें कि आगे के समय में सिम कार्ड का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए AI का उपयोग किया जायेगा, जहां AI की मदद से फर्जी सिम कार्ड को पहचान करके उन्हें ब्लॉक किया जायेगा। इसके साथ ही टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (TSSV) के फेशियल रिकॉग्निशन को भी पूरे भारत में लागू किया जा सकता है, जहां अभी इसकी शुरुआत हरियाणा से की गयी है।
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