नई दिल्ली। अगर आप ऑनलाइन खरीदारी जमकर करते हैं तो आप शॉपिंग क्रेडिट कार्ड लेकर अच्छी खासी बचत कर सकते हैं। शॉपिंग क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने पर आपको ई-कॉमर्स साइट्स पर स्पेशल डिस्काउंट, रिवॉर्ड प्वाइंट्स, बोनस और बड़ी खरीदारी को बिना किसी चार्ज के EMI पर चुकाने की सुविधा मिलती है। ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि शॉपिंग क्रेडिट कार्ड किस तरह समान्य क्रेडिट कार्ड से अलग होता है। साथ ही इस तरह के कार्ड से खरीदारी पर किन बातों का खासा ख्याल रखना चाहिए? क्या यह कार्ड लेना फायदे का सौदा है? आइए, आपके सभी सवालों का जवाब हम देते हैं।
फायदे: बंपर रिवॉर्ड प्वाइंट
शॉपिंग क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर आपको बेहतर रिवॉर्ड पॉइंट्स मिलते हैं। इसकी वजह यह है कि कई ई-कॉमर्स कंपनियों ने बैंक के साथ मिलकर यह कॉर्ड लॉन्च किया है। यानी आप इस कार्ड से खरीदारी कर अच्छी बचत कर सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ रिवॉर्ड प्वाइंट के लिए शॉपिंग क्रेडिट कार्ड लेना सही फैसला नहीं होगा। आप अपनी जरूरत को देखते हुए कार्ड का चयन करें।
आसान ईएमआई का विकल्प
शॉपिंग क्रेडिट कार्ड आपको बड़ी खरीदारी को आसान ईएमआई में चुकाने का विकल्प प्रदान करता है। इसके साथ यह भी लाभ है कि ईएमआई कराने पर कोई अतिरिक्त शुल्क का भुगतान भी नहीं करना पड़ता है। जबकि समान्य क्रेडिट कार्ड में आपको अतिरिक्त शुल्क प्रोसेसिंग के तौर पर चुकानी होती है।
नुकसान: सभी जगह फायदेमंद नहीं
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा नहीं कि सभी तरह की खरीदारी पर आपको बंपर रिवॉर्ड पॉइंट्स मिलते हैं। जब आप गैस, यात्रा या स्वास्थ्य जैसे खर्च में इस कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो बहुत ही मामूली रिवॉर्ड प्वाइंट मिलते हैं। इसके साथ ही रिटेल दुकानों से खरीदारी में इसके फायदे बहुत ही कम है। यानी ये कार्ड जिस ई-कॉमर्स के साथ जुड़े हैं उनसे ही खरीदारी पर आपको अच्छी बचत होती है।
हिडेन चार्ज और ब्याज का बोझ
शॉपिंग क्रेडिट कार्ड लेने से पहले हिडेन चार्ज, ब्याज आदि की जानकारी जरूर ले लें। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ कार्ड केवल एक निश्चित खर्च सीमा से अधिक ऑनलाइन खर्च पर ही कैशबैक प्रदान करते हैं। इसलिए ऑनलाइन छोटे खर्चों के लिए आपको कोई लाभ नहीं मिलेगा। वहीं, ब्याज की दर 3.5% से 3.75% के बीच होता है। यह आम क्रडिट कार्ड पर लगने वाले ब्याज से थोड़ा अधिक है। समय पर भुगतान नहीं करने पर आपको बहुत ज्यादा ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है।
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