SEBI ने बुधवार को कहा कि एक अगस्त से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों को ‘नॉमिनी’ का नाम देने या उससे बाहर निकलने का विकल्प मिलेगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के परिपत्र के अनुसार, नियामक ने व्यक्ति नामित करने या उसे हटाने के लिये प्रारूप भी जारी किया। साथ ही संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले सभी व्यक्तिगत यूनिटधारकों को व्यक्ति नामित करने या इस सुविधा से बाहर होने का विकल्प देने को लेकर 31 मार्च, 2023 तक का समय दिया।
ऑनलाइन या दफ्तर में जाकर फॉर्म जमा कर पाएंगे
नयी व्यवस्था के तहत एएमसी को यूनिटधारकों को या तो ‘नॉमिनी फॉर्म’ या निवेशकों की पसंद के अनुसार ‘नॉमिनी’ व्यवस्था से बाहर निकलने के लिये ऑनलाइन या दफ्तर में जाकर फॉर्म जमा करने का विकल्प प्रदान करना होगा। इस पहल का मकसद प्रतिभूति बाजार में सभी पक्षों की गतिविधियों में एकरूपता लाना है। पिछले साल सेबी ने नये कारोबारी और डीमैट खाता खोलने वाले निवेशकों के लिये भी ऐसा ही विकल्प दिया था।
नॉमिनी नियुक्त करने के फायदें
नॉमिनी नियुक्त होने का मतलब है कि निवेशक की मौत होने पर पूरा फंड नॉमिनी को ट्रांसफर हो जाएगा। नॉमिनी नियुक्त नहीं होने पर निवेशक के वारिस को पैसा हासिल करने के लिए कई तरह की औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है। कई तरह के दस्तावेज पेश करने पड़ते हैं। काफी लंबी प्रक्रिया के बाद निवेशक के संबंधी को पैसा मिल पाता है। इसलिए नॉमिनी बनाना बहुत ही जरूरी है।
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