Digital gold: पुराने समय में लोग अधिक मुनाफा कमाने के लिए फिजिकल गोल्ड कॉइन खरीदते थे। इसे खोने या चोरी होने का खतरा रहता है। वहीं ज्वेलरी खरीदने पर हमें मेकिंग चार्ज देना पड़ता है, जिसका रिटर्न हमें कुछ नहीं मिलता है, इससे बचने के लिए फिजिकल की जगह डिजिटल गोल्ड भी खरीद सकते हैं। इसमें निवेश करने से गोल्ड की सुरक्षा बनी रहती है। अपने अनुसार किसी भी समय इसे फिजिकल रूप में भी ले सकते हैं। ज्वेलरी बनवाने के लिए आपको केवल मेकिंग चार्ज के रूप में कुछ पैसे देने होंगे। इसमें निवेश करने से पहले इससे जुड़े नियम जरूर जान लें। इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नई घोषणा की है।
क्या होता है डिजिटल गोल्ड?
जिस तरह से लोग सोना खरीद कर घर में रखते हैं और सही समय देखकर इसे बेचने के बाद मुनाफा कमा लेते हैं। किसी तरह डिजिटल गोल्ड में भी पैसे निवेश कर मुनाफा कमाया जा सकता है। यह एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट है जिससे बाजार मूल्य पर सोना खरीदने की अनुमति मिलती है। ये डिपॉजिट या फाइनेंशियल प्रोडक्ट से अलग होता है। वास्तविक सोने की तरह ही यह समर्पित होता है लेकिन इसे आपके नाम पर डिपॉजिटरी के रूप में रखा जाता है। मेकिंग चार्ज देकर इसे फिजिकली भी ले सकते हैं।
डिजिटल गोल्ड पर टैक्स
डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के बाद इसे बेचते समय टैक्स लग सकता है। इसमें निवेशक सीधे तौर पर निवेश करते हैं। इसे आरबीआई और सेबी संचालित नहीं करता है। फिजिकल की तरह ही डिजिटल गोल्ड पर भी टैक्स लगता है। समय के साथ ही सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करती है। सरकार की ओर से आरबीआई इस पर नजर बना कर रखते है। नवंबर 2015 में SGB को जाती किया गया था। इसमें निवेश करने वाले लोगों को हर 6 महीने में 2.5 % की दर से ब्याज मिला है।
यह है वित्त मंत्री की नई घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल गोल्ड को लेकर एक नई घोषणा की है। उनके अनुसार अगर कोई व्यक्ति घर में रखे सोने को डिजिटल में बदलना चाहते हैं तो उन्हें कैपिटल गेन्स टैक्स से बाहर रखा जाएगा। यानी आप फिजिकल गोल्ड को डिजिटल में बिना टैक्स दिए बदल सकते हैं। अभी तक सोना खरीदने वाले लोग इसे 3 साल बाद बेचते समय 20 % तक टैक्स देते थे। इसके साथ ही 4 % लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स देना जरूरी था।
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