PAN 2.0: अब आपके पुराने पैन कार्ड का क्या होगा, जानें नए नियम में क्या-क्या बदल जाएगा
PAN 2.0 प्रोजेक्ट का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है। पैन नंबर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाने वाला 10 अंकों का एक यूनीक अल्फान्यूमेरिक नंबर है। ये नंबर संख्या भारतीय टैक्सपेयर्स को खासतौर पर जारी किया जाता है।
PAN 2.0 प्रोजेक्ट के तहत क्यूआर कोड आधारित एडवांस्ड सिस्टम लागू होने से नकली कार्ड की पहचान आसान हो जाएगी और टैक्सपेयर एक से ज्यादा पैन कार्ड नहीं रख पाएंगे। हालांकि, नई व्यवस्था शुरू होने पर भी मौजूदा पैन कार्ड वैध बने रहेंगे और टैक्सपेयर को नए कार्ड के लिए अप्लाई करने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ कार्ड से जुड़ी जानकारियों में कोई बदलाव होने पर ही PAN 2.0 कार्ड के लिए आवेदन करना होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को PAN 2.0 प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ बेहद जरूरी बातों को स्पष्ट किया। सीबीडीटी ने PAN 2.0 से जुड़े FAQs जारी कर आम लोगों के सवालों के जवाब देने की कोशिश की है। बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को क्यूआर आधारित नए तरह के पैन कार्ड जारी करने के लिए 1,435 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। अगले साल से लागू होने वाला ये प्रोजेक्ट पैन जारी करने के मौजूदा सिस्टम को एडवांस बनाने के मकसद से लाया गया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है पैन नंबर
PAN 2.0 प्रोजेक्ट का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है। पैन नंबर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाने वाला 10 अंकों का एक यूनीक अल्फान्यूमेरिक नंबर है। ये नंबर संख्या भारतीय टैक्सपेयर्स को खासतौर पर जारी किया जाता है। सीबीडीटी की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पैन और टैन जारी करने और उनके मैनेजनेंट के प्रोसेस को बेहतर तरीके से मैनेज करना और आधुनिक बनाना है। ये प्रोजेक्ट कई डिजिटल प्लेटफॉर्म के एकीकरण और पैन/टैन होल्डर्स के लिए कुशल सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करती है। इस प्रोजेक्ट में टैक्स कटौती और संग्रह खाता संख्या (TAN) को भी समाहित किया जाएगा। इस समय करीब 78 करोड़ पैन और 73.28 लाख टैन अकाउंट मौजूद हैं। आयकर विभाग की टॉप संस्था सीबीडीटी ने कहा कि पैन से जुड़ी सेवाएं तीन अलग मंच- ई फाइलिंग पोर्टल, यूटीआईआईटीएसएल पोर्टल और प्रोटीन ई-गवर्नेंस पोर्टल पर मौजूद हैं। लेकिन PAN 2.0 के लागू होने पर ये सभी सेवाएं एक एकीकृत पोर्टल पर उपलब्ध होंगी।
एक ही पोर्टल पर होंगे पैन से जुड़े सभी काम
एकीकृत पोर्टल की मदद से पैन कार्ड आवेदन, उसमें सुधार और आधार को पैन से जोड़ने के अनुरोध के अलावा कार्ड का ऑनलाइन वैरिफिकेशन भी किया जा सकेगा। सीबीडीटी ने कहा है कि मौजूदा पैन होल्डरों को नए कार्ड के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें उसी स्थिति में आवेदन करना होगा, जब उन्हें अपनी डिटेल्स को अपडेट करना हो। नई व्यवस्था के तहत जारी होने वाले पैन कार्ड क्यूआर कोड से लैस होंगे जिससे कार्ड में दर्ज डिटेल्स का वैरिफिकेशन डिजिटल माध्यम से किया जा सकेगा। इससे नकली आवेदनों पर लगाम लगाई जा सकेगी और कोई व्यक्ति एक से ज्यादा कार्ड नहीं रख पाएगा। हालांकि, सीबीडीटी ने ये स्पष्ट किया है कि पैन पर क्यूआर कोड की सुविधा कोई नई बात नहीं है और ये 2017-18 से ही पैन कार्ड पर मौजूद है। लेकिन PAN 2.0 प्रोजेक्ट में क्यूआर कोड डाइनैमिक सुविधा से लैस होगा जिससे पैन डेटाबेस में मौजूद लेटेस्ट डेटा भी देखे जा सकेंगे। इनमें फोटो, सिग्नेचर, नाम, माता-पिता के नाम और जन्मतिथि की जानकारी शामिल है।
नए कार्ड के लिए अप्लाई कर सकेंगे टैक्सपेयर्स
सीबीडीटी ने कहा, ‘‘बिना क्यूआर कोड वाले पुराने पैन कार्ड रखने वाले टैक्सपेयर्स के पास क्यूआर कोड से युक्त नए कार्ड के लिए आवेदन करने का विकल्प होगा।’’ इसके साथ ही FAQs में स्पष्ट किया गया है कि नई व्यवस्था शुरू होने के बाद भी व्यक्तियों और व्यवसायों के पास मौजूद पैन वैलिड रहेगा और उन्हें उसे बदलने की कोई जरूरत नहीं होगी। हालांकि, भौतिक पैन कार्ड पाने के लिए आवेदक को 50 रुपये की फीस देनी होगी। पैन में दर्ज व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा के लिए इन आंकड़ों का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए ‘पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम’ अनिवार्य होगा। साथ ही PAN 2.0 के तहत शिकायत निवारण प्रणाली को भी मजबूत किया जाएगा।
पीटीआई इनपुट्स के साथ