प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी हफ्ते सोमवार को क्यूआर कोड वाले नई जनरेशन के पैन कार्ड जारी करने के लिए 1,435 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। अगले साल से लागू होने वाला ये प्रोजेक्ट पैन जारी करने के मौजूदा सिस्टम को एडवांस बनाने के मकसद से लाया गया है। PAN 2.0 प्रोजेक्ट के तहत क्यूआर कोड आधारित एडवांस्ड सिस्टम लागू होने से नकली कार्ड की पहचान आसान हो जाएगी और टैक्सपेयर एक से ज्यादा पैन कार्ड नहीं रख पाएंगे। इतना ही नहीं, नए पैन कार्ड के साथ फ्रॉड करना काफी मुश्किल होगा और आम लोगों को इससे काफी सुरक्षा मिलेगी।
नए पैन कार्ड के साथ मिलेगी इंस्टैंट वेरिफिकेशन की सुविधा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि जिन लोगों के पास पहले से पैन कार्ड हैं, उन्हें नए कार्ड के लिए अप्लाई करना अनिवार्य नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को अपने मौजूदा पैन कार्ड में कोई करेक्शन या अपडेट कराना है तो वे PAN 2.0 प्रोजेक्ट के तहत नए कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो पैन 2.0 के तहत क्यूआर कोड वाले नए अपग्रेडेड पैन कार्ड के साथ फ्रॉड का रिस्क काफी कम हो जाता है। इसके साथ ही, नए पैन कार्ड के जरिए इंस्टैंट वेरिफिकेशन की भी सुविधा मिलेगी।
आम लोगों को फ्रॉड से कैसे मिलेगी सुरक्षा
नया पैन कार्ड क्यूआर कोड के साथ आएगा, इसलिए इसका डुप्लिकेट कार्ड बनाना या इसके साथ छेड़छाड़ करना बहुत मुश्किल है। क्यूआर कोड में एन्क्रिप्टेड पर्सनल डेटा होता है, जिसे सिर्फ एक खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने वाले अधिकृत लोग ही देख सकते हैं। लिहाजा, नए कार्ड्स से डिटेल्स निकालना धोखेबाजों के लिए काफी मुश्किल होगा और आपकी पर्सनल डिटेल्स का गलत इस्तेमाल होने का रिस्क भी कम हो जाएगा। आमतौर पर, फ्रॉडस्टर्स आपके पैन कार्ड पर नाम और फोटो बदल देते हैं, जबकि पैन नंबर वही रहता है। पैन पर क्यूआर कोड आने से वित्तीय संस्थान आपकी पर्सनल डिटेल्स को आसानी से इंस्टैंट वेरिफाई कर सकेंगे।
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