पुरानी पेंशन को लेकर एक खुशखबरी है। इसका इंतजार पूरा देश कर रहा है, लेकिन फिलहाल बदलाव सिर्फ एक राज्य में हो रहा है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा करने से पहले आवश्यक बजटीय प्रावधान किए हैं। उन्होंने एक बयान में कहा कि हिमाचल मंत्रिमंडल ने विचार-विमर्श के बाद अपनी पहली बैठक के दौरान योजना की बहाली को मंजूरी दे दी है। कांग्रेस, विधानसभा चुनाव से पहले अपने 'प्रतिज्ञा पत्र' में किए गए अन्य सभी वादों को पर्याप्त वित्तीय प्रावधान करने के बाद चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी। मुख्यमंत्री ने वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा करते हुए कथित तौर पर कर्मचारियों के बकाये का भुगतान करने में विफल रहने के लिए पूर्व भाजपा प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की जल्दबाजी में उठाए गए कदम अवांछित और अनावश्यक हैं। सुक्खू ने कहा कि भाजपा सरकार ने मौजूदा सरकार को खाली खजाना सौंपा है।
RBI दे चुका है चेतावनी
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू किये जाने को लेकर आगाह किया था कि इससे राज्यों के स्तर पर राजकोषीय परिदृश्य को लेकर बड़ा जोखिम है और आने वाले वर्षों में उनके लिये ऐसी देनदारी बढ़ेगी, जिसके लिये पैसे की व्यवस्था नहीं है। आरबीआई ने ‘राज्य वित्तः 2022-23 के बजट का अध्ययन’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट में यह बात ऐसे समय कही थी जब हाल ही में हिमाचल प्रदेश ने महंगाई भत्ते से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) फिर से लागू करने की घोषणा की। इससे पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने केंद्र सरकार तथा पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को ओपीएस बहाल करने के अपने निर्णय के बारे में जानकारी दी थी।
पंजाब सरकार भी लगा रही है जोर
पंजाब सरकार ने भी राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये ओपीएस लागू करने के संदर्भ में 18 नवंबर, 2022 को अधिसूचना जारी की थी। ये कर्मचारी अभी नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से जुड़े हैं। एक जनवरी, 2004 से लागू नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) अंशदान आधारित पेंशन योजना है। इसमें कर्मचारी के साथ-साथ सरकार भी अंशदान देती है। वहीं पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों की पेंशन सेवानिवृत्ति से पहले लिये गये अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत होती है और यह पूरी राशि सरकार की तरफ से दी जाती थी।
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