Mahakumbh में जाने के लिए देश के किस हिस्से से है क्या व्यवस्था, यहां देखिए पूरी डिटेल
यूपी से जुड़े सभी 8 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के बॉर्डर पर सीधे प्रयागराज जाने वाली यूपी रोडवेज की बसें उपलब्ध होंगी। इनमें दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
Kumbh 2025: सोमवार, 13 जनवरी से शुरु हो रहा महाकुंभ, बीते सभी महाकुंभ से काफी खास और अलग होने वाला है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार भी जोर-शोर से महाकुंभ की तैयारियों में जुटी हुई है, ताकि हिंदुओं की आस्था से बेहद करीबी से जुड़े इस मेगा इवेंट को सफल और ऐतिहासिक बनाया जा सके। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 55 दिन चलने वाले इस महाकुंभ में देश-विदेश से 40 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। लिहाजा, राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं।
रोडवेज, रेलवे और फ्लाइट्स रहेंगी तैयार
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले इस मेगा इवेंट के लिए यूपी रोडवेज और भारतीय रेल के साथ-साथ तमाम एयरलाइन कंपनियां भी पूरी तरह से तैयार हैं। इस बार प्रयागराज को देश के अलग-अलग हिस्सों से जोड़ने के लिए हजारों बस और ट्रेनों के साथ सैकड़ों फ्लाइट्स ड्यूटी पर रहेंगी। यहां हम जानेंगे कि प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में जाने के लिए देश के किस हिस्से से, क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई हैं।
यूपी रोडवेज निभाएगी सबसे बड़ी भूमिका
प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यूपी सरकार राज्य के सभी 75 जिलों से प्रयागराज के लिए 7550 बसें चलाएगी। इसके अलावा, प्रयागराज बॉर्डर के पास 550 नई शटल बसों का इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही, यूपी से जुड़े सभी 8 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के बॉर्डर पर सीधे प्रयागराज जाने वाली यूपी रोडवेज की बसें उपलब्ध होंगी। इनमें दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 3 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ में आने के लिए रोडवेज की बसों का इस्तेमाल करेंगे। यूपी रोडवेज रोजाना करीब 7-8 लाख श्रद्धालुओं को लाने और ले जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
रेलवे के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
देश की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल भी महाकुंभ के लिए पूरी तरह से तैयार है। महाकुंभ के लिए प्रयागराज के रास्ते देशभर से करीब 13 हजार ट्रेनें चलाई जाएंगी। यूं तो प्रयागराज, देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है। लेकिन, महाकुंभ के लिए 50 अन्य शहरों को स्पेशल ट्रेनों के जरिए जोड़ा जाएगा। दिल्ली-हावड़ा रूट पर स्थित प्रयागराज जंक्शन से संगम की दूरी 8 किमी है और यहां के लिए आपको तमाम रिक्शे और टैक्सी आसानी से मिल जाएंगे। मुंबई की ओर से आने वाली ट्रेनें नैनी और प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर आएंगी, यहां से संगम की दूरी करीब 11 किमी है। लखनऊ और अयोध्या की ओर से आने वाली ट्रेनें फाफामऊ और प्रयाग स्टेशनों पर रुकेंगी। यहां से संगम की दूरी करीब 10 किमी है। वाराणसी और गोरखपुर की ओर से आने वाली ट्रेनें झूंसी और रामबाग स्टेशनों पर रुकेंगी, यहां से पैदल ही संगम पहुंचा जा सकता है।
श्रद्धालुओं को संगम पहुंचाने में बड़ा रोल निभाएंगी फ्लाइट्स
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, बिलासपुर, हैदराबाद, रायपुर, लखनऊ, भुवनेश्वर, कोलकाता, देहरादून और चंडीगढ़ से प्रयागराज के लिए डायरेक्ट फ्लाइट्स हैं। इनके साथ ही, एयरलाइन कंपनियां महाकुंभ के दौरान चेन्नई, जम्मू, पटना, नागपुर, अयोध्या, पुणे, भोपाल समेत कुछ और शहरों को भी प्रयागराज को जोड़ने की तैयारियों में हैं। प्रयागराज एयरपोर्ट से संगम की दूरी 19 किमी है। एयरपोर्ट से संगम जाने के लिए इलेक्ट्रिक बसें होंगी, जिनका किराया सिर्फ 35 रुपये होगा। कैब और टैक्सी इसके लिए 500-1000 रुपये लेंगी।