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Hindi News पैसा फायदे की खबर Loan Transfer करने से पहले इन 4 बातों का रखें ख्याल, EMI कम करने में मिलेगी मदद

Loan Transfer करने से पहले इन 4 बातों का रखें ख्याल, EMI कम करने में मिलेगी मदद

Loan Transfer: सस्ती ब्याज दर का लाभ लेने के लिए और लोन को किसी दूसरे बैंक में शिफ्ट करने से पहले बैंकों के ऑफर पर अच्छी तरह से रिसर्च करें।

Loan Transfer- India TV Paisa Image Source : INDIA TV Loan Transfer

Loan Transfer: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वरा रेपो रेट में लगतार तीन बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने कर्ज महंगा करना शुरू कर दिया है। बैंकों ने सभी लोन पर ब्याज दर में इजाफा किया है। इससे आपकी Home-Loan कार लोन समेत दूसरे लोन की EMI बढ़नी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर आप ईएमआई कम कराने के लिए लोन ट्रांसफर करने की सोच रहें हैं तो कुछ बातों का जरूर ख्याल रखें। इससे न सिर्फ सही बैंक का चुनाव कर पाएंगे, बल्कि ईएमआई कम करने में भी मदद मिलेगी।

इंटरेस्ट रेट को कंपेयर करें

सस्ती ब्याज दर का लाभ लेने के लिए और लोन को किसी दूसरे बैंक में शिफ्ट करने से पहले बैंकों के ऑफर पर अच्छी तरह से रिसर्च करें। कौन बैंक किस रेट पर लोन ऑफर कर रहा है, यह जानकारी बैंक की वेबसाइट से प्राप्‍त करें। अगर इंटरेस्ट रेट में मामूली फर्क है और आपको बहुत कम सेविंग होगी तो लोन शिफ्ट न करें। इससे आपको कोई खास फायदा नहीं मिलेगा क्‍योंकि प्रो‍सेसिंग फीस और दूसरे चार्ज में आपको इससे अधिक खर्च हो जाएंगे।

टोटल आउट-फ्लो कैलकुलेट करें

लोन शिफ्ट करने से पहले लोन के टोटल आउट-फ्लो को कैलकुलेट करें। टोटल आउट-फ्लो से मतलब है कि आप जब लोन दूसरे बैंक में शिफ्ट करेंगे तो उस बैंक में कुल कितना भुगतान करना होगा। इसको ऐसे समझें कि आपने एचडीएफसी से होम लोन ले रखा है। अब कोई दूसरा बैंक कम इंटरेस्ट पर लोन शिफ्ट करने का ऑफर दे रहा है। साथ में लोन का टेन्योर बढ़ाने को भी विकल्प दे रहा है। ऐसे में आप लोन शिफ्ट करने से पहले यह चेक कर लें कि आप यहां पर पूरे टेन्योर में कुल कितना रकम चुकाएंगे। अगर, लोन शिफ्ट करते हैं और तो उस बैंक में कुल अमाउंट देना होगा। ऐसा कर आप यह पता कर लेंगे कि आपको कितने अमाउंट की बचत होगी।

प्रोसेसिंग फीस और दूसरे चार्ज को पता करें

लोन शिफ्ट करने से पहले प्रोसेसिंग फीस, स्टाम्प फीस, लीगल चार्ज, वैल्युएशन फीस, टेक्निकल आदि के बारे में पता करें। कई बैंक सिर्फ प्रोसेसिंग चार्ज करते हैं और उसी के अंदर सभी चार्ज को मिला देते हैं। वहीं, कुछ बैंक अलग-अलग चार्ज लेते हैं। बैंक प्रोसेसिंग फीस टोटल आउटस्टैंडिंग अमाउंट पर लेते हैं।

इन डॉक्‍यूमेंट की पड़ेगी जरूरत

लोन ट्रांसफर में आपको कई डॉक्‍यूमेंट्स देने पड़ते हैं। इनमें आईडेंटिटी प्रूफए एड्रेस प्रूफ, सैलरी स्लिप, फॉर्म 16 और 6 महीने का बैंक स्‍टेटमेंट। इसके साथ ही एक बात ध्‍यान रखें कि आमतौर पर होम लोन की 12 ईएमआई चुकाने के बाद ही होम लोन बैलेंस ट्रांसफर दूसरे बैंक में होता है।

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