Minor Bank Account: जब हम बैंक में खाता खुलवाने जाते हैं तो हमें कई तरह की प्रोसेस को पूरा करना होता है, इसके बाद ही हम बैंक अकाउंट होल्डर बन पाते हैं। वहीं बच्चों के बैंक खाते के बारे में सोच करके हमारे मन में कई तरह के प्रश्न आ जाते हैं जैसे कि बच्चों का बैंक में अकाउंट कैसे खुलता होगा? बच्चों के बैंक अकाउंट खोलने की पूरी प्रक्रिया क्या होती होगी? आज हम आपकी इन्हीं सारे सवालों के जवाब देने आये हैं। आज हम आपको बच्चे के बैंक में अकाउंट खोलने की प्रक्रिया और इससे जुड़े अन्य फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।
यह है बच्चों के बैंक अकाउंट खुलने की प्रक्रिया
बच्चों का बैंक में जो अकाउंट खुलता है उसे माइनर अकाउंट के रूप में जाता है, जहां नॉर्मल सेविंग अकाउंट खुलने में जो प्रक्रिया लागू होती है, वही प्रक्रिया माइनर अकाउंट खुलने में लागू होती है। इसके साथ ही बच्चों के बैंक अकाउंट को खोलने के लिए एक ओपनिंग फॉर्म को भरवाया जाता है, जहां इस फॉर्म में बच्चे का नाम, पता, उम्र, अभिभावक आदि की जानकारी ली जाती है। इसके साथ ही बच्चे का उम्र प्रमाणपत्र, आधार कार्ड आदि आवश्यक डॉक्यूमेंट्स भी बैंक द्वारा लिए जाते हैं।
क्या होता है माइनर बैंक अकाउंट का फायदा
बता दें कि माइनर बैंक अकाउंट को बच्चे के माता-पिता बच्चे के नाम से खुलवा सकते हैं, वहीं जब बच्चा 18 वर्ष से अधिक का हो जाता है तो इस खाते को सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट कर दिया जाता है। दूसरी ओर बच्चों के बैंक अकाउंट के फायदों की बात करें तो इसके जरिये अभिभावक बच्चों के फंड को इकट्ठा कर सकते हैं, इसके साथ ही माइनर अकाउंट में बच्चों की छात्रवृत्ति, उनकी योजना की धनराशि आदि सीधे तौर पर उनके अकाउंट में आ जाती है। जिससे अभिभावक पैसों के हिसाब से भी बचते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
आपको बता दें कि माइनर अकाउंट में ट्रांजिक्शन सीमा भी निर्धारित होती है, ऐसे में अगर आपका बच्चा बार-बार ट्रांजिक्शन करता है तो आप उसे देख पायेंगे। इसके साथ ही अगर आप बच्चे का जॉइंट अकाउंट भी खुलवाना चाहे तो वह भी आसानी से खुल जाता है, जहां इसमें ज्यादातर अधिकार अभिभावकों के पास रहते हैं, ऐसे में आप जॉइंट अकाउंट खुलवा करके भी बच्चे के लिए अलग से सेविंग कर सकते हैं।
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