KCC:भारत के अन्नदाता किसानों के सामने पैसों की किल्लत हमेशा से ही रही है, उन्नत बीजों से लेकर खेती को आधुनिक बनाने के लिए निवेश की जरूरत होती है। इन्हें पूरा करने के लिए किसान कर्ज लेता है, लेकिन बैंकिंग की पहुंच न होने के कारण किसानों अपने जरूरी खर्चों के लिए सूदखोरों और साहूकारों पर निर्भर रहना पड़ता था। ये किसानों से भारी भरकम ब्याज वसूललते हैं वहीं जमीनें तक गिरवी रखवा लेते हैं। किसान और ग्रामीण इस ब्याज के जंजाल में फंसकर अपना सब कुछ गंवा देते हैं।
हालांकि बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के साथ किसानों के पास बैंकों से कर्ज लेने का बेहतर और सस्ता विकल्प भी मिल गया है। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव कहे जाने वाले किसानों के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) की व्यवस्था दी है। सरकार ने साल 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम शुरू की थी। यह कार्ड किसानों को बाजार दरों के मुकाबले सस्ते ब्याज पर आसान कर्ज उपलब्ध कराता है।
कौन ले सकता है KCC
अब केसीसी सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित नहीं है। पशुपालन और मछलीपालन भी इसके तहत 2 लाख रुपये तक का कर्ज मिल सकेगा। खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, भले ही वो किसी और की जमीन पर खेती करता हो, इसका लाभ ले सकता है। न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल होनी चाहिए।
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बस तीन डॉक्यूमेंट जरूरी
पहले केसीसी के तहत लोन पाने की प्रक्रिया कठिन थी। इसीलिए पीएम किसान स्कीम से केसीसी को जोड़ दिया गया है। पीएम किसान स्कीम की वेबसाइट पर ही केसीसी का फार्म उपलब्ध करवा दिया गया है। इसलिए बैंकों से कहा गया है कि वे सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट लें और उसी के आधार पर लोन दें। किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए बस आपका आधार, पैन, फोटो ली जाएगी। इससे यह पुष्टि होगी कि आप किसान हैं। वहीं आपसे एक एफीडेविड लिया जाएगा। इससे पता चलेगा कि आप पर किसी बैंक में आवेदक का कर्ज तो बकाया नहीं है।
किसान क्रेडिट कार्ड पर फायदे अनेक
सरकारी नियम के तहत 3 लाख रुपये तक का कर्ज सिर्फ 7 फीसदी ब्याज पर मिलता है। समय पर पैसा लौटा देते हैं तो 3 फीसदी की छूट मिलती है। इस तरह ईमानदार किसानों को 4 परसेंट ब्याज पर ही पैसा मिल रहा है। जो साहूकारों के चंगुल में फंसने से कहीं अच्छा है।
नहीं देनी होती प्रोसेसिंग फीस
सरकार ने बैंकिंग एसोसिएशन से केसीसी बनाने के काम में तेजी लाने को कहा है। सरकार की सलाह पर ही बैंकों ने इसकी प्रोसेसिंग फीस खत्म कर दी है। जबकि पहले केसीसी बनवाने के लिए 2 से 5 हजार रुपये तक का खर्च आता था।
सम्मान निधि से जुड़ा किसान क्रेडिट कार्ड
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड ढांचे को भी मजबूत बना रही है। कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों की सहूलियत के लिए किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लिंक कर दिया गया है। इसकी वजह से अब खेती-किसानी के लिए लोन लेना काफी आसान हो गया है।
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