क्या अब SIP पर निवेशकों का भरोसा डगमगाने लगा है? ऐसा इसलिए कि अपना सिप रोकने वाले निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़े हैं। इतना ही नहीं, नए सिप अकाउंट खुलने की रफ्तार भी कम हुई है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में 49 लाख नए एसआईपी खाते खोले गए। वहीं, अक्टूबर में 63.7 लाख से नए सिप खाते खोले गए थे। इस तरह अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में नए सिप खाते खुलने में बड़ी गिरावट आई।
एसआईपी बंद करने वाले भी तेजी से बढ़े
इसके अलावा, नवंबर में एसआईपी बंद या डिस्कंटीन्यूएशन करने वालों की संख्या बढ़कर 39.14 लाख हो गई, जो पिछले महीने 38.8 लाख थी। इससे नवंबर में एसआईपी बंद करने का अनुपात 79.12% हो गया, जो मई के 88.38% के बाद सबसे अधिक है। मई 2020 में एसआईपी बंद करने का अनुपात 80.69% था।
क्यों एसआईपी से हो रहा मोहभंग
शेयर मार्केट एक्सपर्ट का मनना है कि ऐसा मुख्य रूप से स्टॉक मार्केट में जारी उतार-चढ़ाव के कारण हो रहा है। पिछले एक साल में बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इससे निवेशकों को मनचाहा रिटर्न नहीं मिला है। इसके चलते नए निवेशक अस्थिर दौर में बाजार में प्रवेश करने से बच रहे हैं। साथ ही, मौजूदा निवेशकों का एक बड़ा वर्ग तब तक एसआईपी के माध्यम से अतिरिक्त पैसा नहीं लगाना चाह रहा जब तक कि उन्हें बाजार को लेकर क्लियर साइन नहीं मिले। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर यह ट्रेंड लंबा चला तो शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती हैं।
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