FD करें या म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये निवेश शुरू करें, आप अपने सभी सवालों के जवाब महज 2 मिनट में जानें
आज के समय में किसी भी म्यूचुअल फंड से 12% का रिटर्न पाना आम बात है। लेकिन कुछ बात ध्यान में रखकर 15 फीसदी या उससे भी ऊपर रिटर्न जेनरेट कर सकते हैं।
नई दिल्ली, अनीश कुमार सिंह। फिक्स्ड डिपोजिट में कभी आपके पैसे 6 ये 7 साल में डबल होते थे, आज आपके पैसों को डबल होने में करीब 12 से 13 साल लग जाएंगे। अब आप कहेंगे कि अपने पैसे लगाएं कहां, तो इसका जवाब महज 2 मिनट में हम दे रहे हैं। यह तो आप जान ही रहे हैं कि चाहे बैंक हो या पोस्टऑफिस, अब आपके पैसों में पंख नहीं लगने वाले। फिक्स्ड डिपोजिट की रेट फिलहाल 6 से 7 फीसदी के करीब है। यानी 12 से 13 साल तो कहीं नहीं गए, जब आप अपने पैसों को डबल होते हुए देखेंगे। और रही बात इन्फ्लेशन की। जिसे आप महंगाई डायन भी कह सकते हैं। वो भी 6 से 7 फीसदी के करीब आंख गड़ाए बैठी है। यानी हर साल आपके पैसों की वैल्यू कम ही होती जा रही है। अगर आपके पास 100 रुपये हैं तो अगले साल उसकी वैल्यू 93 रुपये के करीब रह जाएगी। मौजूदा दौर में आपके के पास एक सबसे उपयुक्त विकल्प बचता है और वो है म्यूचुअल फंड में निवेश। आप इसमें अपनी बचत को निवेश कर शानदार रिटर्न पा सकते हैं।
महंगाई डायन के असर को न करें नजरअंदाज
अब ज़रा सोचिए कि अगर आपने अपने 2 लाख रुपये फिक्स्ड डिपोजिट में अगले 12 साल के लिए ये सोचकर लगाए कि आपके पैसे दोगुने हो जाएंगे, तो 12 साल बाद उसकी वैल्यू आज के इन्फ्लेशन के हिसाब से जस की तस ही रहेगी। यानी उस समय के 4 लाख आज के 2 लाख के बराबर होंगे। ये सारा गणित 6 से 7 फीसदी के आज के ब्याज दर और 'रूल ऑफ 72' के आधार पर है। अगर यही ब्याज दर करीब 12 फीसदी का मिले तब? तब आपको 12 साल में 7 लाख 80 हजार के करीब पैसे मिलेंगे, और अगर आप 15 फीसदी का रिटर्न जेनरेट करने में सफल रहे तो आपके 2 लाख हो जाएंगे 10 लाख 70 हज़ार से भी ज्यादा। ये कोरी कल्पना नहीं। ये सोलह आने सच बात है। और यहीं से जन्म होता है म्यूचुअल फंड की थ्योरी का। जिसे वॉरेन बफेट समेत विश्वभर के निवेशकों ने दुनिया का आठवां अजूबा माना है।
कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश
म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले ये बात समझना जरूरी है कि कौन सा फंड आपके लिए सही है। एक्टिव और पैसिव दो तरह के म्यूचुअल फंड आपको मिलेंगे। अगर आप बेहद कम रिस्क लेना चाहते हैं। अगर आपको देश की इकोनॉमी में यकीन है। इस बात का यकीन है कि अगले 10 से 20 साल में भारत तरक्की के नए शिखर पर होगा। तब आपको पैसिव फंड में निवेश करना चाहिए। इसके आपको दो फायदे होंगे। पहला फायदा ये कि आपको फंड मैनेजर को फीस नहीं देनी होगी। लॉन्ग टर्म में ये फीस लाखों में पहुंच जाती है और दूसरा फायदा ये कि समय के साथ बढ़ते शेयर बाजार में आपका फंड भी ऑटोमेटिक ग्रो करता जाएगा। उसकी नेट एसेट वैल्यू यानी NAV बढ़ती जाती है।
इंडेक्स फंड में कैसे करें निवेश?
इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए आप किसी भी फंड हाउस के इंडेक्स फंड का चयन कर सकते हैं। बस एक बात का ध्यान रखें कि वो फंड Direct हो Regular न हो। इसका मतलब ये है कि अगर आप किसी म्यूचुअल फंड के एजेंट के जरिए कोई भी फंड लेते हैं तो उसमें उसका कमिशन भी होता है जो आपकी जेब से जाएगा। इससे अच्छा है कि आप Direct प्लान लें। इसके लिए आप गूगल में अच्छे परफॉर्मेंस वाले इंडेक्स फंड की लिस्ट देख सकते हैं। उनका पिछले 5 साल का ट्रैक रिकॉर्ड खंगाल सकते हैं। और फिर तसल्ली होने पर उसमें निवेश कर सकते हैं। ध्यान रखिए कि आप SIP या Lumpsum दोनों कर सकते हैं। Lumpsum तब करें जब बाजार गिर रहा हो। और एक साथ पैसे न डालकर हर गिरावट पर पैसे लगाएं। बस इस बात का ध्यान रखें कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें। जितना लंबा समय देंगे म्यूचुअल फंड आपको उतने अधिक पैसे बनाकर देगा।
15% तक का रिटर्न कैसे पाएं
आज के समय में किसी भी म्यूचुअल फंड से 12% का रिटर्न पाना आम बात है। लेकिन कुछ बात ध्यान में रखकर 15 फीसदी या उससे भी ऊपर रिटर्न जेनरेट कर सकते हैं। तब उसके लिए आपको हर मार्केट करेक्शन पर यानी शेयर बाजार के गिरने पर पैसे लगाने होंगे, बजाय इसके कि आप एक ही बार में अपने सारे पैसे Lumpsum में डाल दें। जैसा कि हमने ऊपर भी 2 लाख रुपये का उदाहरण लिया है, उसी को आगे बढ़ाते हैं। किसी भी फंड में आप एंट्री तब करें जब मार्केट में कम से कम डेढ़ से 2 फीसदी की गिरावट हो। चूंकि यहां इंडेक्स फंड की बात हो रही है इसलिए आप पहले से किसी एक फंड को चुनकर रखें और शेयर बाज़ार की गिरावट पर आप थोड़े-थोड़े पैसे डालते जाएं। इस बात का ध्यान रखें कि जब बाजार में तेज़ी हो तब आप पैसे न लगाएं। मार्केट ज्यादा गिरने पर थोड़ा ज्यादा पैसे लगाएं। अपने पूरे पैसे को इस तरीके से इंडेक्स फंड में इन्वेस्ट करने में जल्दबाजी न करें। पैसों को इन्वेस्ट करने में 6 से 8 महीने का वक़्त लगाएं, जिससे सही करेक्शन पर मार्केट में आपका पैसा लगे, जिससे आप भविष्य में 15 फीसदी तक का रिटर्न बड़े आराम से हासिल कर सकते हैं।
इंडेक्स फंड में निवेश का तरीका
चूंकि यहां बात इंडेक्स फंड की हो रही है, इसलिए आपने जिस कैटेगरी के इंडेक्स फंड को चुना है आप उसी से जुड़े इंडेक्स को फॉलो करें। सीधा सा मतलब है अगर निफ्टी-50 इंडेक्स फंड में आप पैसे लगाना चाहते हैं तो निफ्टी-50 के नीचे गिरने का इंतजार करें। उदाहरण के तौर पर अगर निफ्टी-50 में करीब 200 प्वाइंट की गिरावट आती है तो आप अपने पास रखे कुल पैसे का करीब 10 फीसदी लगाने से स्टार्ट कर सकते हैं। फिर इंतजार करें अगर कुछ दिनों में करेंट लेवल से फिर करीब 200 अंकों की गिरावट आती है तो आपको अपना अगला 15 फीसदी पैसा तैयार रखना है। ऐसे ही आगे करते जाएं। लेकिन ये तब संभव है जब मार्केट लगातार नीचे गिर रहा हो, जैसा कि मार्च 2020 में कोरोना काल में देखने को मिला था। यानि Bearish Pattern बन रहा हो।
जब शेयर मार्केट में तेजी हो तो इंतजार करें
अब आप कहेंगे कि जब मार्केट बढ़ रहा हो तो क्या करें। इसका जवाब है, इंतजार करें। और नए लेवल से किसी दूसरे इंडेक्स फंड के साथ तैयार रहें। क्योंकि अगर पहले वाले इंडेक्स फंड में मानकर चलिए कि आपने 17500 के लेवल पर कुछ पैसे इन्वेस्ट किए हैं तो फिर इसे 17300 के लेवल पर आने का इंतजार कीजिए। चूंकि Bullish Pattern के बाद आपको लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। और हो सकता है कि मार्केट बढ़ता ही चला जाए, इसीलिए आपको करीब 6 से 8 महीने का इंतजार करने की राय ऊपर दी गई है। अगर फिर भी 17300 के लेवल पर निफ्टी-50 न आए तो आप दूसरे इंडेक्स फंड में नए लेवल से स्टार्ट कीजिए। ठीक ऊपर बताए गए तरीके को फॉलो करते हुए। यानि अगर निफ्टी-50 का लेवल 17800 चला गया है तो आप इसके 17600 तक आने का इंतजार किजीए। और इसमें भी ऊपर बताए गए तरीके को अपनाएं। अगर आपने ऐसा किया तो यकीन मानिए लॉन्ग टर्म में आपके पैसों में पंख जरूर लगेंगे, और ये लॉन्ग टर्म 5 साल से अधिक का जरूर रखें। 10, 15, 20 साल या उससे भी अधिक हो तो बढ़िया है। क्योंकि शॉर्ट टर्म में इन्वेस्टमेंट से आपको ज्यादा फायदा नहीं हो सकता। इन्वेस्टमेंट की जर्नी में आप जितना ज्यादा समय देंगे, अपने पैसों को ग्रो करने के लिए जितना टाइम देंगे, भविष्य में आप उतना ही फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होंगे। अब तय आपको करना है कि आप वर्तमान में जीना चाहते हैं या भविष्य को बेहतर बनाना चाहते हैं।
(लेखक इंडिया टीवी में सीनियर एडिटर के पद पर कार्यरत हैं।)