म्यूचुअल फंड निवेशक हैं तो मैन्युफैक्चरिंग थीम बेस्ड स्कीम दिला सकता है बंपर रिटर्न, जानें क्यों
म्यूचुअल फंड निवेश में बिना सोचे-समझे निवेश करना नुकसान दे सकता है। इसलिए हमेशा निवेश से पहले फंड के विषय में जानकारी लेना चाहिए। ऐसा कर आप न सिर्फ सही फंड का चुनाव कर पाएंगे बल्कि अपने निवेश पर बंपर रिटर्न भी पा सकेंगे।
देश में म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अब देश के छोटे-छोटे शहरों और कस्बों से लोग म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर रहे हैं। हालांकि, बहुत सारे लोगों को सही जानकारी नहीं मिलने के चलते वो अपने निवेश पर शानदार रिटर्न नहीं पा रहे हैं। अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं या करने की तैयारी में है तो स्कीम की जानकारी बहुत जरूरी है। अगर आप सही एमएफ स्कीम का चुनाव करेंगे तो बेहतर रिटर्न ले पाएंगे। आज हम आपको मैन्युफैक्चरिंग थीम बेस्ड म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बता रहे हैं। इसको जानकर आप समझ जाएंगे कि क्यों आपके लिए यह एक सही निवेश प्लान हो सकता है।
मोदी सरकार मैन्युफैक्चरिंग पर कर रही फोकस
केंद्र में मोदी सरकार देश में मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में जोर-शोर से काम कर रही है। सरकार की योजना चीन पर निर्भरता को खत्म भारत में उत्पादन बढ़ाना है। इसके लिए कई सेक्टर में पीएलआई स्कीम शुरू की गई है, जिसका फायदा भी मिल रहा है। आपको बता दें कि भारत को सर्विस इंडस्ट्री के एक हब के तौर पर जाना जाता है। अब इसके साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी है। ऐसे में मैन्युफैक्चरिंग थीम में कई सेक्टर हैं जो आने वाले सालों में तेजी से विकास करने को तैयार हैं जिनमें ऑटोमोबाइल, डिफेन्स, खनन, कैपिटल गुड्स, रेलवे, कपड़ा, केमिकल, पेट्रोलियम व गैस शामिल है। भारत के तेजी से हो रहे शहरीकरण और लोगों की बढ़ती इनकम का मतलब यह है कि आने वाले दिनों में हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग होगी। वैश्विक स्तर पर देखें तो कई देश एनर्जी सेक्टर में निवेश कम कर रहे हैं, जिससे भारत को फायदा होना तय है।
कंपनियां मजबूत ग्रोथ के लिए अच्छी तरह से तैयार
देश में मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत बढ़ावा देने के लिए सरकार के कदम जैसे मेक इन इंडिया, परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई), मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स के लिए गति शक्ति, देश भर में एक्सप्रेसवे और राजमार्गों को पूरा करना, रक्षा निर्यात आदि पूरे थीम को सबसे आगे ले जाने के लिए तैयार हैं। यह कहा जा सकता है कि कंपनियां मजबूत ग्रोथ के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। एक निवेशक के रूप में, थीम को अपनाना म्यूचुअल फंड रूट के लिए सबसे अच्छा है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मैन्युफैक्चरिंग फंड ने अक्टूबर 2018 से पिछले पांच वर्षों में लगातार अच्छा रिटर्न दिया है। एक, तीन और पांच साल के आधार पर, फंड ने क्रमशः 35.3%, 34.7% और 19.7% का रिटर्न दिया है, जो एसएंडपी बीएसई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग टीआरआई से 2.6 से 9.6 प्रतिशत बेहतर परफॉर्मेंस है। ये रिटर्न सभी कैटेगरी के इक्विटी फंडों में सबसे अच्छे हैं। पिछले पांच वर्षों में एसआईपी रिटर्न (एक्सआईआरआर) में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मैन्युफैक्चरिंग फंड ने 25.3% का रिटर्न दिया है।
बेंचमार्क से ज्यादा रिटर्न देता है यह फंड
आंकड़ों के मुताबिक, जब बाजार में तेजी होती है तो यह फंड बेंचमार्क से ज्यादा रिटर्न देता है। जब बाजार गिरता है तो उस समय यह बेंचमार्क से काफी कम गिरता है। यह फंड cyclical और defensive दोनों सेक्टरों में निवेश के साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के एक क्रॉस-सेक्शन में निवेश कर रहा है। यह फंड सभी तरह के बाज़ार पूंजीकरणों अर्थात लार्ज, मिड और स्मॉल कैप में निवेश कर अपने पोर्टफोलियो निर्माण के लिए मल्टी-कैप अप्रोच अपनाता है। बेहतरीन परिणामों के लिए टॉप-डाउन और बॉटम-अप स्टॉक चयन पद्धति का मिला जुला अप्रोच चुना जाता है। वर्तमान में, फंड बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में ऑटो एन्सिलरी, कैपिटल गुड्स और सीमेंट पर अधिक फोकस करता है और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स, मेटल और खनन तथा ऑयल एण्ड गैस पर कम फोकस रखता है। यह फार्मा और हेल्थकेयर पर न्यूट्रल है।