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Hindi News पैसा फायदे की खबर इनकम बढ़ी तो उस पैसे को SIP में डालें या EMI बढ़ाएं, जानें क्या करना फायदेमंद?

इनकम बढ़ी तो उस पैसे को SIP में डालें या EMI बढ़ाएं, जानें क्या करना फायदेमंद?

लोन चुकाने और वेल्थ क्रिएशन के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। इस स्थिति में किसी व्यक्ति के लिए, एक संयुक्त रणनीति सबसे बेहतर काम कर सकती है। लोन को व्यवस्थित रूप से प्रबंधित करने के लिए नियमित ईएमआई जारी रखें। वहीं, वेल्थ् क्रिएशन के लिए एक्स्ट्रा पैसे को एसआईपी में निवेश करें।

Extra Income - India TV Paisa Image Source : FILE एक्स्ट्रा इनकम

अगर आपकी मंथली इकनम बढ़ गई तो आप अपनी वित्तीय स्थिति को और बेहतर तरीके से मजबूत बना सकते हैं। इनकम बढ़ने के साथ ही आपकी बचत बढ़ेगी। आपके हाथ में ज्यादा पैसा आएगा। अब सवाल यह है कि जो पैसा आ रहा है, उसको सिप में डालें या होम लोन की ईएमआई को बढ़ा दें, जिससे कर्ज जल्द खत्म हो जाएं। आइए इस अहम सवाल का जवाब हम देते हैं। 

विकल्प 1: समय से पहले लोन चुकाना

फायदे:

  •  लंबी अवधि के कर्ज से जुड़े वित्तीय तनाव में कमी।
  •  लोन जल्द खत्म होने से ब्याज की रकम में बड़ी बचत।

नुकसान:

  • होम लोन जल्द बंद होने से इनकम टैक्स छूट में मिल रहा लाभ बंद हो जाता है। 
  • निवेश से संभावित उच्च रिटर्न के अवसर चूक जाते हैं।
  • भविष्य की वित्तीय आपात स्थितियों या लक्ष्यों के लिए फंड जमा नहीं कर पाते।

विकल्प 2: पैसे को एसआईपी में निवेश करें

फायदे:

  •  आपातकालीन या अन्य वित्तीय जरूरतों के लिए प्रर्याप्त फंड।
  •  पूर्व भुगतान द्वारा बचाए गए ब्याज की तुलना में चक्रवृद्धि ब्याज से काफी अधिक रिटर्न।
  • इक्विटी बाजारों में धन का विविधीकरण, मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव प्रदान करता है।

नुकसान:

  • रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, जो जोखिम है।
  • बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान अपनी निवेश योजना पर टिके रहने के लिए धैर्य और अनुशासन की आवश्यकता होती है।
  • इसलिए, किसी को दोनों विकल्पों पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए।

संतुलित रवैया अपनाएं 

लोन को दुश्मन नहीं मनना चाहिए। लोन चुकाने और धन सृजन के बीच संतुलित रवैया अपनाना चाहिए। लिक्विडिटी, रिटर्न और जोखिम का आकलन करते हुए फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए। आप एक ऐसा रास्ता चुन सकते हैं जो मन की शांति और दीर्घकालिक समृद्धि दोनों सुनिश्चित करता है। वित्तीय चुनौतियों को विकास के अवसरों में बदलने के लिए अनुशासन और कंपाउंडिंग की शक्ति का उपयोग करें।

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