नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि आठ फरवरी को बकाया सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) को तय समय से पहले छुड़ाने के लिए 4,813 रुपये प्रति इकाई के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। यह मूल्य 31 जनवरी से चार फरवरी के बीच सोने के बंद भाव के औसत के आधार पर है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) दरअसल सरकारी प्रतिभूतियां हैं और यह भौतिक सोना रखने का एक विकल्प हैं। बॉन्ड भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है।
14 जनवरी 2016 को जारी एसजीबी पर सरकारी अधिसूचना के अनुसार, ऐसे स्वर्ण बांड जारी करने की तारीख से पांचवें वर्ष के बाद ब्याज देय होने की तारीख से निकासी की अनुमति दी जा सकती है। इसलिए, उपरोक्त किश्त के समयपूर्व निकासी की तारीख 08 फरवरी, 2022 होगी।
टैक्स का भी प्रावधान
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मेच्योरिटी पीरियड आठ साल है और अगर मेच्योरिटी तक इसे होल्ड रखते हैं तो कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगता है। यानी रिटर्न पर कोई भी टैक्स नहीं चुकाना होता है। वहीं, समयपूर्व निकासी भी करने का विकल्प है। पांच साल के बाद प्रीमेच्योर विदड्रॉल किया जा सकता है. पांच साल के बाद प्रीमेच्योर रिडेंप्शन पर गेन्स पर 20 फीसदी का टैक्स चुकाना होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के फायदे
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है। इसलिए इसके साथ फिजिकल गोल्ड की तरह कहां स्टोर किया जाए कहां नहीं, ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। इसके साथ ही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) पर हर साल एक निश्चित ब्याज निवेशकों को मिलता है। ब्याज की दर 2.5 फीसदी सालाना है। इसके साथ सोने की कीमत में बढ़ोतरी का लाभ भी निवेशकों को मिलता है।
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