अब आप भी बाजार में मिलने वाली घटिया क्वालिटी के फ्लास्क और प्लास्टिक बोतलों से परेशान हैं तो आपकी समस्या का जल्द अंत होने जा रहा है। सरकार ने अब ऐसी सभी बोतलों, फ्लास्क और कंटनर की क्वालिटी को तय करने लिए अनिवार्य स्टैंडर्ड जारी किए हैं। इस कानून के आने के बाद अब भारत में कोई भी फैक्ट्री या निर्माता घटिया क्वालिटी के प्रोडक्ट तैयार कर सकेंगे।
सरकार ने बुधवार को कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाले इंसूलेटेड फ्लास्क, बोतलों एवं कंटेनरों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानक जारी किए गए हैं।
अब प्लास्टिक प्रोडक्ट पर होगा BIS मार्क
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने इस संदर्भ में एक अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) चिह्न से वंचित इन उत्पादों का उत्पादन, बिक्री, आयात या भंडारण नहीं किया जा सकता है। अब इंसूलेटेड फ्लास्क, बोतल एवं कंटेनर के अलावा रेजिन वाले लकड़ी के लेमिनेट्स का बीआईएस प्रमाणन से वंचित उत्पादों का उत्पादन, भंडारण एवं बिक्री को बीआईएस अधिनियम, 2016 के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जेल और जुर्माने के प्रावधान
इस प्रावधान का पहली बार उल्लंघन करने पर दो साल तक के कारावास या न्यूनतम दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं दूसरी बार और आगे भी उल्लंघन करने पर जुर्माने को बढ़ाकर न्यूनतम पांच लाख रुपये कर दिया जाएगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा, "ये गुणवत्ता नियंत्रण मानक अधिसूचना जारी होने की तारीख से छह महीने बाद लागू होंगे। भारत में गुणवत्ता परिवेश के विकास के अलावा ये गुणवत्ता मानक सार्वजनिक स्वास्थ्य और उपभोक्ताओं की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेंगे।" मंत्रालय ने कहा कि इन उत्पादों की गुणवत्ता को नियंत्रित करने से खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों के आयात पर काबू पाने में भी मदद मिलेगी।
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