Gold Buying: सस्ता सोना खरीदने का एक और मौका जल्द मिलेगा, जानें कब से खरीदारी कर पाएंगे
Gold Buying: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है। इसलिए इसके साथ फिजिकल गोल्ड की तरह कहां स्टोर किया जाए कहां नहीं, ऐसी कोई दिक्कत नहीं है।
Gold Buying: आपको फिर से एक बार सस्ता सोना खरीदने का मौका मिलने जा रहा है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Sovereign Gold Bond स्कीम की बिक्री की दूसरी किस्त की तारीखों की घोषणा कर दी है। आरबीआई द्वारा दी गई जानाकरी के मुताबिक, गोल्ड बाॅन्ड स्कीम की दूसरी सीरीज 22 अगस्त को शुरू होगी और 26 अगस्त को बंद होगी। हालांकि, इस सीरीज में सोने की कीमत क्या होगी, इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है। RBI में पहली सीरीज इस साल 20 जून से 24 जून तक शुरू की थी।
गोल्ड बॉन्च खरीदने की सीमा
• गोल्ड बॉन्ड में 8 साल के लिए निवेश करना जरूरी है।
• कम से कम 5 साल के लिए बना रहना होगा।
• कम से कम 1 ग्राम सोने और अधिकतम 500 ग्राम सोने के लिए बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं।
• बॉन्ड खरीद के लिए पेमेंट अगर कैश से करनी है तो अधिकतम 20,000 रुपए कैश दे सकते हैं।
• इससे ऊपर की पेमेंट चेक या नेट बैंकिंग के जरिए करनी होगी।
• गोल्ड बॉन्ड पर सरकार सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज देती है।
• सोने की कीमतों में जो भी उतार-चढ़ाव होता है वह भी निवेश पर मिलता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के फायदे
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है। इसलिए इसके साथ फिजिकल गोल्ड की तरह कहां स्टोर किया जाए कहां नहीं, ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। इसके साथ ही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) पर हर साल एक निश्चित ब्याज निवेशकों को मिलता है। ब्याज की दर 2.5 फीसदी सालाना है। इसके साथ सोने की कीमत में बढ़ोतरी का लाभ भी निवेशकों को मिलता है।
मिलेगा 50 रुपये का डिस्काउंट (Discount on Gold)
बॉन्ड खरीदने के लिये ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वालों को बॉन्ड के दाम में 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी। बॉन्ड की अवधि आठ वर्षों की होगी जिसमें पांच साल बाद अगले ब्याज भुगतान की तिथि पर बॉन्ड से हटने का भी विकल्प होगा। स्वर्ण बॉड में निवेश एक ग्राम के मूल यूनिट के अनुरूप किया जा सकेगा। कम से कम एक ग्राम सोने के लिये निवेश करना होगा।
कितना कर सकते हैं निवेश
बयान के अनुसार कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम चार किलोग्राम मूल्य तक का बॉन्ड खरीद सकता है जबकि ट्रस्ट और समान संस्थाएं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है। बांड खरीदने के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) संबंधी मानदंड उसी तरह के होंगे जैसे कि बाजार से सोना खरीदते हुये होते हैं। सरकार की सावरेन गोल्ड बॉंड योजना नवंबर 2015 में शुरू हुई थी।
इसलिए लायी गई थी सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम
देश में सोने की मांग में कमी लाने तथा घरेलू बचत के लिए सोना खरीदने वाले लोगों को वित्तीय बचत में लाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने महत्वपूर्ण सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की थी। इस योजना से सोने के आयात पर सही तरीके से निगरानी भी रखी जा सकेगी। ऐसे में इसमें ट्रांसपेरेंसी भी होगी और निवेशकों को अपने सोने की सुरक्षा के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ में ब्याज के रूप में कमाई का भी मौका होगा। इस योजना को भारत सरकार ने 2015 के बजट में पेश किया था।