मई से लेकर अब तक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 2.35% की बढ़ोतरी कर चुका है। फलस्वरूप अधिकांश बैंकों ने जमा पर मिलने वाली ब्याज दर में कई बार बढ़ोतरी की है। इसके चलते तीन साल की समान्य एफडी पर ब्याज की दर बढ़कर 6.25% से लेकर 7.90% हो गई है। वहीं, कई स्मॉल फाइनेंस बैंक वरिष्ठ नागरिकों को एफडी पर 7.25% से लेकर 9.26% की दर से ब्याज दे रहे हैं। जबकि, पुरानी एफडी पर अभी भी 5.10% से लेकर 5.20% की दर से ब्याज मिल रहा है। ऐसे में क्या पुरानी एफडी को तोड़कर नई एफडी करना फायदे का सौदा है? आइए जानते हैं क्या कहते हैं विशेषज्ञ...
मैच्योरिटी के नजदीक एफडी तो तोड़ना सही नहीं
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पुरानी एफडी को मैच्योर होने से 6 से 9 महीने का समय बचा है तो उसे तोड़कर नई एफडी करना फायदे का सौदा नहीं होगा। बैंक प्री मैच्योर एफडी तोड़ने पर पेनल्टी वूसलते हैं। इसके साथ ही आपको ब्याज का भी नुकसान होता है। अगर, इन दोनों की गणना करें तो पुरानी ब्याज दर और नई ब्याज दर में कोई खास फायदा नजर नहीं आएगा। हां, अगर आपने तुरंत कोई एफडी किया है तो उसे तोड़कर बढ़े ब्याज दर पर करना फायदे का सौदा होगा।
Image Source : bankbazaarएफडी
इस तरह फायदे और नुकसान की गणना करें
मान लेते हैं कि आपने 1 लाख रुपये का एफडी 5.30% की दर से एक साल के लिए करा रखा है। अगर आप इसको तोड़ेंगे तो आपको करीब 4.60% की दर से ब्याज मिलेगा। इसके साथ ही प्री मैच्योर एफडी तोड़ने की एवज में बैंक आपसे 0.50% की दर से पेनल्टी वसूलेंगे। इस तरह आपको 4.1% की दर से करीब 4,163 रुपये रिटर्न के तौर पर मिलेगा। अब आप 1,04,163 रुपये को 6.75% की दर से 2 साल के लिए एफडी करते हैं। ऐसे में आपको 14,921 रुपये ब्याज मिलेगा। इस तरह आपको कुल 19,084 रुपये प्राप्त होंग। अगर दोनों एफडी की तुलना करेंगे तो आपको करीब 1973 रुपये का मामूली फायदा मिलेगा।
Latest Business News