Floating FD Rate: अब फ्लोटिंग रेट पर FD में निवेश का मौका, जानिए कितना फायदेमंद है
ग्राहकों को फ्लोटिंग दरों पर ब्याज (Floating Rate FD) मिल रहा है। बैंक ने बताया है कि इस प्रोडक्ट के तहत ग्राहकों को रेपो रेट पर आधारित ब्याज दिया जाएगा।
Floating FD Rate: महंगाई के इस दौर में निवेश से होने वाली इनकम को जानना बहुत अहम हो गया है। होम और कार लोन की ईएमआई बढ़ने के साथ आम आदमी के लिए राहत सिर्फ इसी में है कि एफडी की दरें बढ़ रही हैं। रिजर्व बैंक ने जब इस महीने ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा की तो उसके बाद से कई बड़े बैंक फिक्स डिपॉजिट पर दरें बढ़ा चुके हैं।
इस बीच प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक ने एफडी (Yes bank FD) को लेकर नया इनोवेशन किया है। बैंक ने एक खास प्रोडक्ट पेश किया है, जिसमें ग्राहकों को फ्लोटिंग दरों पर ब्याज (Floating Rate FD) मिल रहा है। बैंक ने बताया है कि इस प्रोडक्ट के तहत ग्राहकों को रेपो रेट पर आधारित ब्याज दिया जाएगा।
कितनी है Floating FD की दर
वर्तमान रेपो दर 4.9% है। यस बैंक इस ब्याज दर में 1.1 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़कर ब्याज दे रहा है। यानि की यस बैंक की फ्लोटिंग एफडी पर 6% की दर से ब्याज मिलेगा। वहीं 18 महीने से 3 साल के बीच मैच्योर होने वाली जमा राशि के लिए, मार्क-अप 1.6% है, जिससे ब्याज दर 6.5% हो जाती है। बचत करने वालों के लिए, यह उत्पाद एक नया, अपनी तरह का पहला उत्पाद है।
आम FD और फ्लोटिंग FD में अंतर
फ्लोटिंग एफडी को हम लोन की फ्लोटिंग दरों के अनुसार मान सकते हैं। यानि कि जैसे-जैसे रेपो रेट घटेगा या बढ़ेगा, वैसे-वैसे एफडी की ब्याज दर घटेगी या बढ़ेगी। अभी तक फिक्स्ड ब्याज दर के तहत एफडी पर फिक्स रिटर्न मिलता है, चाहे रेपो रेट घटे या बढ़े। मतलब आपने जिस दर पर एफडी खरीदी है तो जब तक एफडी मैच्योर नहीं हो जाती आपको एक ही ब्याज पर रिटर्न मिलेगा। फ्लोटिंग एफडी में आपको रेपो रेट में हर बदलाव पर अलग अलग रिटर्न मिलेगा।
Top 10 बैंकों की ब्याज दरें
आपको कैसे होगा फायदा-नुकसान?
महंगाई की मौजूदा परिस्थिति को देखें तो बीते दो बार से भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी कर रहा है। ऐसे में अगर आने वाले दिनों में रिजर्व बैंक फिर से ब्याज बढ़ाता है तो फ्लोटिंग एफडी में आपको मिलने वाला ब्याज और अधिक बढ़ जाएगा। लेकिन आग चलकर रिजर्व बैंक ब्याज दरें घटाता है तो आपको आपको नुकसान होगा।
अपने आप लागू होगी नई दर
यहां फ्लोटिंग एफडी फ्लोटिंग लोन से अलग है। फ्लोटिंग लोन रेट के मामले में ब्याज दरें सिर्फ रिजर्व बैंक के बदलाव के तुरंत बाद लागू नहीं होती। आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने या घटाने के बाद आपका बैंक अपनी ओर से ब्याज दरें लागू करता है। ब्याज दरें घटने पर आपको बैंक से अपनी बैंक लोन की दरें घटाने के लिए अनुरोध करना पड़ता है। लेकिन फ्लोटिंग एफडी इस मामले में पूरी तरह अलग है। बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार के अनुसार इस प्रोडक्ट में ब्याज दर में संशोधन अपने आप लागू हो जाएगा। यानी बैंक या ग्राहक किसी की भी तरफ से किसी तरह के मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी।
कितने वक्त की है फ्लोटिंग एफडी?
फिलहाल फ्लोटिंग एफडी का प्रोडक्ट यस बैंक ने जारी किया है। बैंक के अनुसार ग्राहकों को एफडी पर डायनामिक रिटर्न मिलेगा। बैंक ने ‘फ्लोटिंग’ दर वाली एफडी 1 से 3 साल के लिए जारी की हैं।