PF account: नौकरीपेशा लोग भविष्य की सुरक्षा के लिए अपनी आय का एक छोटा सा अंश प्रोविडेंट फंड (PF) में जमा करवाते हैं। इस रिटायरमेंट स्कीम में निवेश करने वाले लोगों को अच्छा रिटर्न प्राप्त होता है। लेकिन प्राइवेट नौकरियां करने वाले लोग जब एक कंपनी से दूसरी कंपनी में करते हैं तो वो अपने पीएफ अकाउंट मर्ज कराना भूल जाते हैं, जो कि बहुत जरूरी है। आइए आज आपको पीएफ अकाउंट मर्ज कराने के फायदे बताते हैं।
1. निष्क्रिय खातों पर ब्याज- प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग जब भी किसी नई कंपनी को ज्वॉइन करते हैं तो उनके यूएएन नंबर पर एक नया पीएफ लिंक जेनरेट हो जाता है और उनका पुराना खाता निष्क्रिय हो जाता है। निष्क्रिय खातों पर कर्मचारी को ब्याज भी नहीं मिलता है। अगर आप इस खाते को नए खाते के साथ मर्ज कर लेंगे तो आपको निष्क्रिय खाते में जमा राशि पर भी समान रूप से ब्याज मिलेगा।
2. कंपाउंड इंटरेस्ट- जब आप पुराने पीएफ खाते को नए खाते के साथ मर्ज कर लेंगे तो आपको इस पर चक्रवृद्धि ब्याज भी प्राप्त होगा। इससे आप भविष्य में लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक अच्छी खासी रकम का लाभ उठा सकेंगे।
3. टैक्स या टीडीएस से राहत- EPFO के नियमानुसार, कर्मचारी जब किसी कंपनी में 5 साल पूरे हुए बगैर पीएफ की राशि निकालते हैं तो उन्हें टीडीएस कटवाना पड़ता है। अगर आप अपने नए पीएफ अकाउंट को पुराने अकाउंट से मर्ज करके रखेंगे तो पीएफ अकाउंट का सर्विस टाइम बढ़ जाएगा और आप बिना टीडीएस कटवाए आशिंक राशि निकलवा सकेंगे।
4. पेंशन के लिए इलिजिब्लिटी- पीएफ अकाउंट को मर्ज करने से यह सुनिश्चित होता है कि पिछली सेवाएं लैप्स न हों और बाद के रोजगार में जुड़ती रहें। इसलिए यदि किसी कर्मचारी की कुल सेवा अवधि 10 वर्ष तक पहुंचती है तो कर्मचारी पेंशन लाभ के लिए इलिजिबल रहता है।
5. भविष्य की असुविधाओं से सुरक्षा- कुछ समय पहले ही EPFO ने उन खातों पर ब्याज बंद करने का फैसला किया था जो 3 साल से अधिक समय से निष्क्रिय थे। हालांकि बाद में उसने इस फैसले को वापस ले लिया। भविष्य में ऐसी असुवधि से बचने के लिए भी आपको पीएफ अकाउंट का मर्ज करना लेना चाहिए।
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