बैंक की 'मनमर्जी' नहीं, अब चलेगी आपकी मर्जी! ग्राहकों को कार्ड पर मिलने जा रही बड़ी सुविधा
कार्ड जारी करने वाले अपने पात्र ग्राहकों को विभिन्न कार्ड नेटवर्कों (रुपे , मास्टर और वीजा आदि) में से किसी एक को चुनने का विकल्प प्रदान करेंगे
अभी तक बैंक में नया खाता खुलवाते वक्त आपको बैंक अपनी मर्जी से डेबिट एवं एटीएम कार्ड थमा देते थे। क्रेडिट कार्ड के मामले में भी आपके पास चुनाव का ज्यादा मौका नहीं था। लेकिन अब कार्ड के मामले में बैंक की मनमर्जी नहीं बल्कि आपकी मर्जी चलेगी। रिजर्व बैंक के नए प्रस्ताव के तहत ग्राहक जल्द ही अपनी पसंद के मुताबिक यह तय कर सकेंगे कि उन्हें रुपे कार्ड लेना है या फिर वीजा अथवा मास्टर कार्ड।
क्या है रिजर्व बैंक का प्रस्ताव
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह प्रस्ताव किया है कि कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर - बैंकिंग इकाइयों को अपने ग्राहकों को कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प देना चाहिए। अधिकृत कार्ड नेटवर्क डेबिट , क्रेडिट या प्रीपेड कार्ड जारी करने के लिये बैंकों और गैर - बैंकिंग इकाइयों के साथ गठजोड़ करते हैं। फिलहाल किसी ग्राहक को जारी किये जाने वाले कार्ड के लिये संबद्ध नेटवर्क का विकल्प कार्ड जारी करने वाले करते हैं। यह कार्ड जारी करने वाले और कार्ड नेटवर्क के साथ द्विपक्षीय समझौते की व्यवस्था पर आधारित होता है।
बैंक ग्राहकों को देंगे विकल्प
आरबीआई के मसौदे के अनुसार, कार्ड जारीकर्ताओं को कार्ड नेटवर्क के साथ किसी भी ऐसी व्यवस्था या समझौता करने से प्रतिबंधित किया जाएगा जो उन्हें अन्य कार्ड नेटवर्क की सेवाओं का लाभ उठाने से रोकता है। मसौदे के अनुसार , ‘‘ कार्ड जारी करने वाले अपने पात्र ग्राहकों को विभिन्न कार्ड नेटवर्कों (रुपे , मास्टर और वीजा आदि) में से किसी एक को चुनने का विकल्प प्रदान करेंगे। इस विकल्प का उपयोग ग्राहक या तो जारी होने के समय या उसके बाद किसी भी समय कर सकते हैं।
बैंक एक ही कार्ड नेटवर्क पर निर्भर न हो
कार्ड जारी करने वाले को एक ही कार्ड नेटवर्क पर निर्भर नहीं होना है। उन्हें एक से अधिक कार्ड नेटवर्क आधारित कार्ड जारी करने चाहिए। भारत में अधिकृत कार्ड नेटवर्क में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प , डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल , मास्टरकार्ड एशिया / पैसिफिक पीटीई लिमिटेड , नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया - रुपे और वीजा वर्ल्डवाइड लिमिटेड हैं। केंद्रीय बैंक ने चार अगस्त तक मसौदा परिपत्र पर संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी हैं।