आज जब भी देश के किसी भी रेलवे स्टेशन के करीब पहुंचते हैं तो यात्रियों के शोर और ट्रेन के हॉर्न की आवाज के बीच एक सुरीली सी आवाज भी सुनाई देती है, ‘यात्रीगण कृपया ध्यान दें’ और फिर आपको गुजरने वाली ट्रेनों की जानकारी मिल जाती है। लेकिन अब देश के पहले साइलेंट स्टेशन पर यह बीते समय की बात हो गई है। अब यहां पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम (Public Announcement System) की व्यवस्था ही खत्म कर दी गई है। ये है डॉ. एमजीआर रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन, जिसे चेन्नई सेंट्रल भी कहा जाता है। 150 साल पुराने इस स्टेशन पर रविवार से लाउडस्पीकर शांत हैं।
मिला देश के पहले साइलेंट स्टेशन का दर्जा
देश में अभी तक सभी रेलवे स्टेशन पर अनाउंसमेंट के लिए स्पीकर लगाए गए हैं। लेकिन चेन्नई को देश के पहले साइलेंट स्टेशन के रूप में दर्जा दिया गया है। यहां पर किसी भी प्रकार के अनाउंसमेंट को रोक दिया गया है और इसकी जगह एयरपोर्ट की तरह बड़े बड़े साइनबोर्ड लगाए गए हैं। जिनकी मदद से यात्रियों को ट्रेनों की जानकारी दी जा रही हैं। आदेश में अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि सभी विज़ुअल डिस्प्ले बोर्ड काम करने की स्थिति में हों और यात्रियों की सुविधा के लिए पूछताछ बूथों पर पर्याप्त कर्मचारी तैनात किए जाएं।
लोकल ट्रेनों के लिए जारी है अनाउंसमेंट
ऐसा नहीं है कि सभी लाउडस्पीकर अब शांत हो गए हैं। चेन्नई में चलने वाली लोकल ट्रेलों के लिए अभी भी लाउडस्पीकर की व्यवस्था जारी है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि यात्रियों के अनुभव के आधार पर इन सुविधाओं में अतिरिक्त सुधार किए जाएंगे। स्टेशन के रिडेवलपमेंट के तौर पर एंट्री प्वाइंट पर बड़े डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। पूछताछ काउंटर भी बढ़ाए जाएंगे।
लोगों को हो रही परेशानी
रेलवे प्रशासन भले ही इस कदम से अपनी पीठ थपथपा रहा हो। लेकिन ये काम सभी को रास नहीं आ रहा है। रेलवे अनाउंसमेंट लोगों को चलते फिरते ट्रेनों की जानकारी देता था। लेकिन इसके लिए उन्हें आसपास के साइन बोर्ड पर नजर गड़ानी पड़ रही है। दूसरी ओर रेलवे स्टेशन पर ऐसे भी यात्री हैं जो पढ़ नहीं पाते या फिर दूर की नजर कमजोर है। यह डिस्प्ले प्रणाली उनके लिए भी मुसीबत से कम नहीं है।
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