Payment Fraud: देश में बीते 3 से 4 सालों में पेमेंट गेटवे की बाढ़ सी आ गई है। आज हम 10 या 20 रुपये ही नहीं बल्कि 1 और 5 रुपये के पेमेंट के लिए भी यूपीआई से भुगतान करते हैं। लेकिन यह सहूलियत बहुत से लोगों के लिए आफत भी बन सकती है। देश के विभिन्न शहरों में फैले हैकर्स और फ्रॉड आपकी सिर्फ एक गलती के इंतजार में घात जमाए बैठे हैं।
यूपीआई पेमेंट को एक सुरक्षित जरिए भले ही माना जाता है, लेकिन हाल ही में कई ऐसी भी घटनाएं सामने आई हैं जहां फ्रॉड का जरिया आपका यूपीआई पेमेंट ही रहा है। दरअसल यूपीआई पेमेंट के लिए काम आने वाले क्यूआर कोड के जरिए लोगों के अकाउंट हैक किए जा रहे हैं। इसके अलावा कई बार पेमेंट हासिल करने के लिए भी आपसे पिन की मांग की जाती है। इसे देखते हुए सरकारी एजेंसी एनसीपीआई ने ग्राहकों के लिए अलर्ट जारी किया है।
एनसीपीआई ने किया सावधान
ग्राहकों के साथ हो रहे ठगी के मामले सामने आने के बाद एनपीसीआई ने अलर्ट जारी किया है। एनसीपीआई के अनुसार पैसे हासिल करने के लिए यूपीआई पिन डालने की जरूरत कभी नहीं होती है। यूपीआई पिन का इस्तेमाल अपने अकाउंट से किसी और के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने या फिर मर्चेंट पेमेंट के लिए किया जाता है। साफ है कि यूपीआई पिन का इस्तेमाल करने पर अकाउंट से पैसे कटते हैं, ना कि अकाउंट में पैसे आते हैं।
ठगी के तरीके
उदाहरण 1: ठगी के मामलों में एक बहुत ही कॉमन है लॉटरी। शीला एक गृहिणी हैं, उन्हें आनलाइन शॉपिंग का शौक है, वे यूपीआई के जरिए जमकर शॉपिंग करती हैं। एक दिन उन्हें एक ठग का फोन आता है और उनसे कहा जाता है कि शॉपिंग के वाउचर के तहत आपने 3 लाख रुपये जीते हैं। आपको पेमेंट प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन कर यूपीआई पिन डालना है। शीला ने वही किया जो कहा गया। थोड़ी देर में शीला के पास उनके खाते से 50 हजार निकलने का मैसेज आता है।
उदाहरण 2: ठग्गू लाल की आगरा में पेठे की दुकान है। उनके स्वादिष्ट पेठे देश भर में सप्लाई होते हैं। एक दिन रतलाम में बैठा एक ग्राहक उन्हें फोन पर आर्डर देता है, और यूपीआई से पेमेंट की बात करता है। इसके लिए वह अपना क्यूआर कोड भेजकर पेमेंट के लिए पिन डालने के लिए कहता है। फिर ठग्गू के साथ वही होता है जो लाखों मासूम लागों के साथ हो चुका है, यानि फ्रॉड।
बैंक अकाउंट की चाबी है यूपीआई पिन
यूपीआई पिन एक तरह से किसी तिजोरी की चाबी है। अगर यह चाबी किसी और के हाथ लग जाए तो वह आपका अकाउंट खाली कर सकता है। दरअसल, ऑनलाइन ट्रांजैक्सन के लिए UPI की सेवा लेनी होती है और इसके लिए एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसे अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होता है। वर्चुअल पेमेंट एड्रेस आपका फाइनेंशियल एड्रेस बन जाता है। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती है।
क्या है यूपीआई पेमेंट सिस्टम
यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस नेशनल पेमेंट ऑफ इंडिया ने विकसित किया है। इससे आप मोबाइल वॉलेट के जरिए किसी और के बैंक खाते में पैसे भेज सकते हैं। इस तकनीक से आप कहीं से भी किसी भी समय फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।
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