1.3 करोड़ Mutual Fund खातों को झटका, नहीं हो पाएगा लेनदेन, निवेशक इस तरह चेक करें अपना स्टेटस
How to check KYC status online : 'ऑन होल्ड' केवाईसी स्टेटस के कारण आवश्यक दस्तावेज जमा होने तक सभी वित्तीय और कुछ गैर-वित्तीय ट्रांजेक्शंस नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब यह होगा कि एसआईपी लेनदेन, रिडेम्पशन लेनदेन आदि प्रभावित होंगे।
Mutual Fund KYC Status : केवाईसी रजिस्ट्रेशन संस्थाओं (KRAs) के अनुसार, करीब 1.3 करोड़ म्यूचुअल फंड अकाउंट्स अधूरी केवाईसी के कारण रोक दिये गए हैं। इसकी वजह निवेशकों द्वारा प्रारंभिक केवाईसी पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान आधार और आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेजों के बजाय अन्य दस्तावेज प्रदान करना है। एक अप्रैल 2024 से प्रभावी सेबी के नये नियमों के अनुसार, 'on Hold' केवाईसी स्टेटस वाले निवेशक म्यूचुअल फंड में कोई लेनदेन नहीं कर पाएंगे। इसमें नए म्यूचुअल फंड में निवेश करना या मौजूदा म्यूचुअल फंड से यूनिटों को रिडीम करना शामिल है।
पैन और आधार से अपडेट नहीं थी KYC
एक रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न कैटेगरीज के तहत केवाईसी को रि-क्लासिफाई करने की आवश्यकता तब उत्पन्न हुई, जब यह पाया गया कि कई निवेशकों के केवाईसी अभी भी पैन और आधार से अपडेट नहीं किए गए थे। इनमें से कई केवाईसी यूटिलिटी बिल्स (बिजली, टेलीफोन), बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि दस्तावेजों का उपयोग करके किए गए थे, जिन्हें अब सेबी द्वारा केवाईसी अनुपालन के लिए वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है।" रिपोर्ट में आगे कहा गया, "लगभग 11 करोड़ निवेशकों में से करीब 7.9 करोड़ या 73% के पास वैध केवाईसी है। लगभग 1.6 करोड़ निवेशकों के केवाईसी रजिस्टर्ड कैटेगरी के अंतर्गत हैं, जिनके पास अब निवेश करने की सीमित पहुंच है। जबकि कुल निवेशकों में से 12% अपने डीमैट खातों और म्यूचुअल पोर्टफोलियो का संचालन नहीं कर सकते हैं।"
इसलिए, कोई भी ट्रांजेक्शन करने से पहले म्यूचुअल फंड निवेशक के लिए अपने केवाईसी स्टेटस की जांच करना महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि आप ऑनलाइन यह स्टेटस कैसे जान सकते हैं।
स्टेप 1: किसी भी केआरए वेबसाइट पर जाएं। उदाहरण के लिए आप www.CVLKRA.com पर जाकर अपना केवाईसी स्टेटस देख सकते हैं।
स्टेप 2: CVLKRA वेबसाइट पर बने "KYC Inquiry" टैब पर क्लिक करें।
स्टेप 3: अब एक नया वेबपेज खुलेगा। यहां अपना पैन दर्ज करें, कैप्चा पर क्लिक करें और "सबमिट" पर क्लिक करें।
दर्ज किए गए पैन के आधार पर केवाईसी स्टेटस स्क्रीन पर दिखने लगेगा। एक निवेशक का केवाईसी स्टेटस तीन कैटेगरीज में से कोई भी हो सकता है : वैलिड, रजिस्टर्ड या ऑन होल्ड।
विभिन्न केवाईसी स्टेटस के अर्थ को समझना महत्वपूर्ण है। इससे निवेशकों को यह आसानी से समझने में मदद मिलेगी कि लेन-देन करने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।
क्या है वैलिड केवाईसी का अर्थ
इसका मतलब है कि निवेशक द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों को जारी करने वाले स्रोत से वैलिडेट किया जाता है। यदि दस्तावेजों की जानकारी में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो एक म्यूचुअल फंड निवेशक आसानी से किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकता है। वर्तमान में, केवल पैन और आधार को ही जारी करने वाले स्रोत से मान्य किया जा सकता है। ऐसे निवेशक फिर से केवाईसी प्रक्रिया से गुजरे बिना कई म्यूचुअल फंड कंपनियों में निवेश करना जारी रख सकते हैं।
रजिस्टर्ड केवाईसी स्टेटस का अर्थ
इसका मतलब है कि व्यक्ति द्वारा दिए गए दस्तावेजों को जारी करने वाले प्राधिकरण द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित या मान्य नहीं किया जा सकता है। यह उन व्यक्तियों पर लागू होता है जिन्होंने केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पते और पहचान के प्रमाण के रूप में पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र आदि जैसे अन्य आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेजों के अलावा दस्तावेज दिए हैं। अगर केवाईसी स्टेटस केवाईसी रजिस्टर्ड या केवाईसी वेरिफाइड है, तो उनके मौजूदा निवेशों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, अगर वे एक नई म्यूचुअल फंड योजना में निवेश करना चाहते हैं, तो उन्हें फिर से केवाईसी से संबंधित दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता होती है। यदि ऐसे व्यक्ति 'केवाईसी वैलिडेट' स्टेटस चाहते हैं, तो वे अपना पैन और आधार जमा करके पुनः केवाईसी प्रक्रिया से गुजर सकते हैं। यह उन्हें भविष्य में बिना किसी दस्तावेज के विभिन्न म्यूचुअल फंड हाउसों की योजनाओं में आसानी से निवेश करने में मदद करेगा।
केवाईसी ऑन होल्ड का क्या है अर्थ
अगर प्रारंभिक केवाईसी के समय दिए गए दस्तावेज आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेज नहीं हैं और मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट आदि, बल्कि बैंक स्टेटमेंट, बिजली बिल, यूटिलिटी बिल आदि हैं, तो केवाईसी स्टेटस 'ऑन होल्ड' के रूप में दिखाई देगा। ऐसा तब भी हो सकता है जब निवेशक का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी वैलिडेट न हो। 'ऑन होल्ड' केवाईसी स्टेटस के कारण आवश्यक दस्तावेज जमा होने तक सभी वित्तीय और कुछ गैर-वित्तीय लेनदेन प्रतिबंधित रहेंगे। इसका मतलब यह होगा कि एसआईपी लेनदेन, रिडेम्पशन लेनदेन आदि प्रभावित होंगे। ऐसी स्थिति में म्यूचुअल फंड निवेशक को अपनी मौजूदा म्यूचुअल फंड स्कीम्स में लेनदेन करने के लिए अपने वैध ईमेल और मोबाइल नंबर का वैलिडेशन करना होगा। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड निवेशकों को फिर से केवाईसी प्रक्रिया (पैन/आधार जमा करके) से गुजरना चाहिए।