पति अपनी कमाई न बताए तो RTI के जरिए पता कर सकती है पत्नी, जानिए क्या है नियम
सरकार ने एक ऐसा जरिया बताया है जिसकी मदद से वह पति की सैलरी जान सकती है।
पत्नी को घर का होम मिनिस्टर कहा जाता है। वह घर के खर्च से लेकर पति की कमाई का भी पूरा हिसाब रखना चाहती है। लेकिन बहुत कम ही पति हैं जो अपनी सैलरी स्लिप अपनी पत्नी को दिखाते हैं। लेकिन सरकार ने एक ऐसा जरिया बताया है जिसकी मदद से वह पति की सैलरी जान सकती है। जी हां, पत्नी सूचना के अधिकार यानि आरटीआई के तहत आयकर विभाग में आवेदन देकर यह जान सकती है कि उसके पति को उसका विभाग कितनी सैलरी देता है।
दरअसल यह मामला राजस्थान के जोधपुर से सामने आया है। यहां की एक महिला ने आयकर विभाग में आरटीआई दाखिल कर अपने पति की ग्रॉस और टैक्सेबल कमाई की जानकारी मांगी थी। आयकर विभाग ने महिला के पति को नोटिस जारी करते हुए कहा कि उसकी पत्नी जानकारी मांग रही है। महिला के पति ने आयकर विभाग को नियमों का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना किया।
बाद में महिला ने जब केंद्रीय सूचना आयोग में शिकायत की तो सूचना आयोग ने जोधपुर में स्थित आयकर विभाग को कहा कि वे इस तरह की सूचना देने से इनकार नहीं कर सकते और साथ में 15 दिन के अंदर महिला को मांगी गई सूचना देने के लिए कहा है।
जानिए कैसे दायर करें आरटीआई
सादे कागज पर हाथ से लिखी हुई या टाइप की गई ऐप्लिकेशन के जरिए संबंधित विभाग से जानकारी मांगी जा सकती है। ऐप्लिकेशन के साथ 10 रुपये की फीस भी जमा करानी होती है।
इनका रखें ध्यान
- किसी भी विभाग से सूचना मांगने में यह ध्यान रखें कि सीधा सवाल पूछा जाए। सवाल घूमा-फिराकर नहीं पूछना चाहिए। सवाल ऐसे होने चाहिए, जिसका सीधा जवाब मिल सके। इससे जन सूचना अधिकारी आपको भ्रमित नहीं कर सकेगा।
- एप्लिकेंट को इसका भी ध्यान रखना चाहिए कि आप जो सवाल पूछ रहे हैं, वह उसी विभाग से संबंधित है या नहीं। उस विभाग से संबंधित सवाल नहीं होने पर आपको जवाब नहीं मिलेगा। हो सकता है आपको जवाब मिलने में बेवजह देरी भी हो सकती है।
- एप्लिकेशन स्पीड पोस्ट से ही भेजनी चाहिए। इससे आपको पता चल जाएगा कि पीआईओ को एप्लिकेशन मिली है या नहीं।
- आरटीआई एक्ट कुछ खास मामलों में जानकारी न देने की छूट भी देता है। इसके लिए एक्ट की धारा 8 देख लें ताकि आपको पता चल सके कि सूचना देने से बेवजह मना तो नहीं किया जा रहा है।
कैसे लिखें आरटीआई ऐप्लिकेशन
- सूचना पाने के लिए कोई तय प्रोफार्मा नहीं है। सादे कागज पर हाथ से लिखकर या टाइप कराकर 10 रुपये की तय फीस के साथ अपनी ऐप्लिकेशन संबंधित अधिकारी के पास किसी भी रूप में (खुद या डाक द्वारा) जमा कर सकते हैं।
- आप हिंदी, अंग्रेजी या किसी भी स्थानीय भाषा में ऐप्लिकेशन दे सकते हैं।
- ऐप्लिकेशन में लिखें कि क्या सूचना चाहिए और कितनी अवधि की सूचना चाहिए?
- आवेदक को सूचना मांगने के लिए कोई वजह या पर्सनल ब्यौरा देने की जरूरत नहीं। उसे सिर्फ अपना पता देना होगा। फोन या मोबाइल नंबर देना जरूरी नहीं लेकिन नंबर देने से सूचना देने वाला विभाग आपसे संपर्क कर सकता है