#NewstoUse: नई जॉब ज्वाइन करने से पहले जान लें CTC और सैलरी के बीच अंतर, नहीं होगी कोई टेंशन
इंडिया टीवी पैसा की टीम CTC और सैलरी के बीच का अंतर बता रही है। जिससे आपको अपनी सैलरी के कैल्कुलेशन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
नई दिल्ली। कैंपस इंटरव्यू में सफल होने के बाद कार्तिक ने नोएडा की एक आईटी कंपनी में अपनी पहली जॉब ज्वाइन की। जॉब इंटरव्यू के वक्त HR ने 3 लाख रुपए (25000 रुपए महीना) का सैलरी पैकेज फाइनल किया था। लेकिन जब पहली सैलरी आने के बाद उसने अकाउंट चैक किया जो उसके खाते में सिर्फ 21,500 रुपए ही क्रेडिट हुए। कार्तिक का परेशान होना लाजमी है। लेकिन एेसा इसलिए हुआ क्योंकि बहुत से लोगों की तरह कार्तिक को भी सैलरी पैकेज, CTC , ग्रॉस सेलरी, इन हैंड सैलरी जैसे टर्म के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम बताने जा रही है इन सभी के बीच के अंतर के बारे में। जिससे अगर आप भी कहीं जॉब ज्वाइन करने जाएंगे, तो अपनी सैलरी के कैल्कुलेशन में आपको कोई परेशानी नहीं होगी।
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क्या होती है CTC
आज कल सैलरी फाइनल करते वक्त एचआर आपको फाइनल CTC बताता है। CTC का मतलब कॉस्ट टू कंपनी होता है। यह एक साल में नियोक्ता की ओर से अपने कर्मचारी पर खर्च करने वाली कुल राशि होती है। इसमें टेक होम सैलरी (नेट सैलरी), सारे डिडक्टशन्स( पीएफ पेंशन जोड़कर) और साथ ही वे सारे लाभ जो कंपनी अपने कर्मचारी को देती है। सामान्य तौर पर यह कर्मचारी का सालरी पैकेज होता है, जो कि ट्रैडिशनल सैलरी से कहीं ज्यादा होता है।
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सैलरी में जुड़ते हैं सभी अलाउंस
सैलरी वो पेमेंट या रेन्यूमरेशन होता है जो कर्मचारी अपनी काम और सर्विसेज के बदले प्राप्त करता है। यह एक निश्चित समय पर दी जाती है। CTC में ग्रॉस सैलेरी जो कि पे स्लिप पर होती है और वे सारे लाभ जो कंपनी देती है जैसे कि रिटायर फंड, मेडिकल फैसेलिटिज, फोन फैसेलिटिज, हाउस फैसेलिटिज, ट्रैवल अलाउंस, खाने का अलाउंस आदि।
नेट सैलरी या टेक होम सैलरी
नेट सैलरी यानि कि इन हैंड सैलरी वो सैलरी होती है जो कर्मचारी असल में घर लेकर जाता है सभी टैक्स और डिडक्शन्स के बाद। ग्रॉस सैलरी में से इनकम टैक्स डिडक्शन, पबिल्क प्रोविडेंट फंड और प्रोफैशनल टैक्स कटने के बाद नेट सैलरी बनती है। CTC वो राशि नहीं होती जो कर्मचारी अपने घर लेकर जाता है। टेक होम अमाउंट नेट सैलरी होती है जिसमें ग्रॉस सैलरी और डिडक्शन जोड़े नहीं जाते।
नेट सैलरी = ग्रॉस सैलरी- डिडक्शन
यानि कि,
CTC = ग्रॉस सैलरी+अन्य लाभ
या फिर,
CTC = नेट सैलरी+ डिडक्शन+ अन्य लाभ
आमतौर पर टेक होम सैलरी (नेट सैलरी) कर्मचारी को दी जाने वाले CTC से काफी कम होता है। अधिकतर, नेट सैलरी आपके CTC का 35 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक का होता है।