पैन कार्ड से जुड़ी ये गलती करवा सकती है आपको 7 साल की कैद, ऐसे रहें सावधान
आयकर कानून के तहत टैक्स रिटर्न के असेसमेंट में पैन नंबर की जानकारी मैच नहीं होती, या फिर टैक्स पेयर गलत जानकारी देने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
हो सकती है 7 साल की कैद
इन लेनदेन में दें सही पैन नंबर
आप को बता दें कि 5 लाख से ऊपर की प्रोपर्टी खरीदने-बेचने में (खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए) पैन नंबर बताना जरूरी है। इसके अलावा अगर आप 5 लाख रुपए से अधिक की ज्वेलरी खरीदते हैं तो भी टैक्स डिपार्टमेंट को पैन नंबर के माध्यम से जानकारी देन होती है। इसके अलावा अगर आप होटल में ठहरे हुए है और उसका बिल 25 हजार रुपए से अधिक है तो बिल भुगतान के समय पैन अनिवार्य होता है। बड़े बड़े वित्तीय लेन देन में पैन नंबर इसका इस्तेमाल होता है। इसमें किसी भी व्यक्ति द्वारा किए गए लेन देन के बारे में सारी जानकारी होती है। पैन के जरिए टैक्स का भुगतान, टैक्स का आकलन, टैक्स की बकाया राशि आदि को कैल्कुलेट किया जाता है। साथ ही टैक्सपेयर का निवेश, कर्ज और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों का भी पूरा कच्चा चिट्ठा पैन कार्ड से पता चल जाता है। आयकर विभाग इकसी मदद से टैक्स चोरी का पता लगा सकता है।
क्यों है पैन जरूरी
अगर आपने वित्तीय लेन देन के दौरान पैन नहीं दिया तो उस स्थिति में रजिस्ट्री डिपार्मेंट आपकी लेन देन की प्रक्रिया को वहीं रोक सकती है। वहीं यदि नौकरी के वक्त पैन कार्ड नहीं देते तो आपको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। उदाहरण के तौर पर 25 वर्षीय कार्तिक किसी कंपनी में काम कर रहा है और उसने अपना पैन नंबर नहीं दिया तो उसका टीडीएस 20 फीसदी कटेगा, भले ही उसकी टैक्सेबल इनकम 10 फीसदी ही क्यों न हो। टीडीएस की राशि को लेने के लिए भी रिटर्न दाखिल करना और पैन अनिवार्य होता है। पैन न होने की स्थिति में आप न तो रकम पा सकते हैं और न ही उस रकम के लिए टैक्स डिपार्मेंट में दावा कर सकते हैं।
जाने पेन कार्ड के हर नंबर का मतलब
पैन कार्ड नंबर के पहले तीन डिजिट अंग्रेजी लेटर होते हैं। ये AAA, ZZZ या कुछ भी हो सकते हैं। यह तीनों डिजिट कौन से होंगे इसे आयकर विभाग तय करता है। पैन कार्ड नंबर का चौथा डिजिट भी अंग्रेजी का शब्द होता है। यह धारक के स्टेटस को बताता है। पैन कार्ड नंबर में दर्ज पांचवां डिजिट भी एक अंग्रेजी का शब्द होता है। यह धारक के सरनेम (जाति) के हिसाब से तय होता है। अगले चार डिजिट 0001 से लेकर 9999 तक कुछ भी हो सकते हैं। यह नंबर सीरीज मौजूदा समय में आयकर विभाग में चल रही सीरीज को दर्शाते है। इसका आखिरी डिजिट अल्फाबेट होता है, जो कोई भी हो सकता है।
तस्वीरों में जानिए पैनकार्ड पर छपे नंबरों का अर्थ