सरकारी तेल कंपनियां 2019 तक बनाएंगी 5,000 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स, गैस एजेंसी लेने का ये है तरीका
तेल कंपनियां तेजी से बढ़ते उपभोक्ता आधार तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एक साल के भीतर अपने एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या एक तिहाई वृद्धि करेंगी।
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियां तेजी से बढ़ते उपभोक्ता आधार तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एक साल के भीतर अपने एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में एक तिहाई की वृद्धि करने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। खासकर यह नेटवर्क विस्तार ग्रामीण इलाकों में अधिक होगा।
पिछले तीन सालों में एलपीजी कनेक्शन में जिस तेजी से वृद्धि हुई उसकी तुलना में डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में विकास नहीं हुआ है। एक अप्रैल 2015 से लेकर इस साल 30 सितंबर के दौरान सक्रिय घरेलू रसोई गैस उपभोक्ताओं की संख्या 44 प्रतिशत बढ़कर 21.4 करोड़ हो गई है, वहीं इस दौरान एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या बढ़कर केवल 19,200 हुई है।
सरकार अब तेल कंपनियों पर दबाव बना रही है कि वह नए डिस्ट्रीब्यूटर्स की नियुक्ति करें और जल्द से जल्द उन्हें ऑपरेशनल बनाएं। तेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मार्च 2019 तक 5000 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स बनाने का लक्ष्य सभी तेल कंपनियों को दिया गया है। सरकार पहले ही 2000 नए लाइसेंस जारी कर चुकी है। इसके अलावा तरकीबन 600 आवेदकों का चयन लॉटरी के जरिये किया जा चुका है और मार्च 2018 तक अन्य 3400 आवेदकों का चयन किया जाएगा।
तेल कंपनी से लाइसेंस मिलने के बाद एक कुकिंग गैस डिस्ट्रीब्यूशन एजेंसी को चालू करने में सामान्यतौर पर एक साल का समय लग जाता है। इसमें तमाम स्थानीय नियामकीय मंजूरियां लेने के साथ ही साथ ऑफिस और गोदाम निर्माण भी शामिल है। नए डिस्ट्रीब्यूटर्स विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और महाराष्ट्र में बनाए जाएंगे, क्योंकि इन्हीं राज्यों में उपभोक्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है।
ऐसे करें डीलरशिप हासिल करने की तैयारी
LPG डीलरशिप हासिल करने की बेहद कड़े नियम और शर्तें हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस साल जब गैस कंपनियां डीलरशिप के लिए आवेदन आमंत्रित करें तो आपके पास तैयारी पूरी होनी चाहिए। यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है डीलरशिप हासिल करने के नियम, शर्तों और प्रक्रिया के बारे में। यह जानकारी पिछली आवेदन प्रक्रिया पर आधारित है, नए एप्लीकेशन में इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं।
गैस डीलर बनाने की प्रक्रिया
देश की तीनों सरकारी कंपनियां इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस समय-समय पर नए डीलर बनाने के लिए आवेदन आमंत्रित करती हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में गैस वितरण नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरक योजना(आरजीजीएलवी) के तहत भी आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इसमें गैस कंपनियां एजेंसी और गोदाम की जमीन के लिए कंपनियां वार्ड, मुहल्ला या निश्चित स्थान विज्ञापन या नोटिफिकेशन में बताती हैं। एप्लीकेशन भेजने के बाद एक निर्धारित तिथि पर कैंडिडेट का इंटरव्यू किया जाता है। इसमें विभिन्न आधार पर नंबर दिए जाते हैं। इन्हीं नंबरों के विभिन्न पैरामीटर्स आधार पर कैंडिडेट का इवैल्युएशन किया जाता है। इसका रिजल्ट नोटिसबोर्ड पर सभी पैरामीटर्स पर प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है।
फील्ड वैरिफिकेशन
मैरिट में अंकों के प्रदर्शित होने के बाद गैस कंपनी का एक पैनल सभी कैंडिडेट की दी गई डिटेल के संबंध में फील्ड वैरिफिकेशन करता है। इसमें जमीन से लेकर सभी अन्य बातों की गहन पड़ताल की जाती है। इसके बाद ही गैस एजेंसी अलॉट की जाती है। इसके लिए कैंडिडेट को एक तय समय सीमा दी जाती है। इसके भीतर ही उसे गैस एजेंसी शुरू करनी होती है।
एजेंसी हासिल करने के लिए जरूरी शर्तें
गैस एजेंसी या डीलरशिप लेने के लिए सबसे जरूरी शर्त पर्मानेंट एड्रेस और जमीन की होती है। कैंडिडेट के पास पर्मानेंट रेजिडेंस एड्रेस होना चाहिए। इसके अलावा उसके पास गैस एजेंसी ऑफिस और गोदाम के लिए पर्याप्त जमीन या स्थान भी होना चाहिए। जमीन किस मुहल्ले, वार्ड या स्थान पर होनी चाहिए, इसकी जानकारी विज्ञापन में दी जाती है। इसके अलावा कैंडिडेट 10वी पास अवश्य होना चाहिए। साथ उसकी उम्र 21 साल होनी चाहिए। इसके साथ ही आपके पास बैंक बैलेंस और डिपॉजिट राशि भी होनी चाहिए।
सरकार द्वारा तय मानकों पर मिलता है रिजर्वेशन
गैस एजेंसी के लिए सरकार द्वारा तय मानकों के आधार पर रिजर्वेशन दिया जाता है। 50 फीसदी रिजर्वेशन सामान्य श्रेणी के लिए होता है। वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों के साथ ही सामाजिक रूप से अक्षम लोगों, भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानी, खिलाड़ी, सशस्त्र बल, पुलिस या सरकारी कर्मचारियों को भी आरक्षण दिया जाता है।
जमीन और डिस्ट्रिब्यूशन चैनल जरूरी
गैस एजेंसी हासिल करने के लिए सबसे जरूरी यह है कि आपके पास पर्याप्त जमीन और सिलेंडर डिलिवरी के लिए पर्याप्त स्टाफ होना चाहिए। गोदाम के लिए गैस कंपनी निर्धारित मानक तय करती है। सभी गोदाम का आकार, उसमें सुरक्षा के इंतजाम आदि इसी पर आधारित होते हैं।