खुशखबरी: ग्राहक को समय पर नहीं मिला घर तो SBI वापस करेगा होम लोन की पूरी रकम, ये है खास स्कीम
रियल एस्टेट सेक्टर की सुस्ती दूर करने व घर खरीददारों को बड़ी राहत देने के मकसद से देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक खास स्कीम लॉन्च की है।
नई दिल्ली। रियल एस्टेट सेक्टर की सुस्ती दूर करने व घर खरीददारों को बड़ी राहत देने के मकसद से देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक खास स्कीम लॉन्च की है। अकसर देखा जाता है कि लोग होम लोन लेकर घर की बुकिंग तो कर लेते हैं लेकिन आवंटन प्रमाणपत्र (ओसी) मिलने से पहले प्रोजेक्ट अटक जाता है, ऐसे में लोगों को घर भी नहीं मिलता और वो होम लोन भी दे रहे होते हैं।
लेकिन अब घर खरीदारों के लिए एसबीआई ने 'रेशिडेंशल बिल्डर फाइनेंस विद बायर गारंटी स्कीम' लॉन्च की है। इस स्कीम के तहत यदि घर खरीदार को निर्धारित समय पर घर का पजेशन नहीं मिल पाता है तो बैंक ग्राहक को पूरा प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन लौटा देगा। यह रिफंड स्कीम तब तक मान्य होगी, जब तक बिल्डर को आवंटन प्रमाणपत्र (ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट/ओसी) नहीं मिल जाता है। फिलहाल एसबीआई की ये स्कीम 10 शहरों में मंजूर किए गए प्रोजेक्ट पर लागू होगी।
इस स्कीम में बिल्डर को 50 से 400 करोड़ तक के लोन का प्रावधान होगा
वहीं 'रेशिडेंशल बिल्डर फाइनेंस विद बायर गारंटी स्कीम' के तहत ग्राहकों को अधिकतम 2.5 करोड़ रुपए कीमत के मकान के लिए होम लोन मिल सकता है। इसमें बैंक के शर्तों का पालन करने वाले बिल्डर को भी 50 करोड़ रुपए से लेकर 400 करोड़ रुपए तक का लोन मिल सकता है। इसके लिए बिल्डर का स्टार रेटिंग और सिबिल स्कोर जांचा जाएगा।
उदाहरण से समझिए...
मान लीजिए कि रमेश ने 2 करोड़ रुपए का फ्लैट बुक कराया है और 1 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुका है। ऐसे में अगर प्रोजेक्ट अटक जाता है तो एसबीआई सुरेश का 1 करोड़ रुपए रिफंड कर देगा। बैंक की ओर से दी गई गारंटी की अवधि आवंटन प्रमाणपत्र (ओसी) से जुड़ी रहेगी। यह गारंटी रेरा रजिस्टर्ड परियोजनाओं पर ही लागू होगी। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) की समय-सीमा पार होने के बाद प्रोजेक्ट को अटका माना जाएगा।
रियल एस्टेट सेक्टर में आएगी जान- एसबीआई चेयरमैन
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बताया कि इस स्कीम का रियल एस्टेट सेक्टर के साथ-साथ उन मकान खरीदारों पर पर बड़ा असर पड़ेगा, जो मकान का पजेशन न मिलने के कारण परेशानी में फंस जाते हैं। रजनीश कुमार ने कहा कि रेरा, वस्तु एवं सेवा कर (GST) के नियमों में बदलाव के अलावा टबंदी के बाद हमें इस बात का एहसास हुआ कि होमबायर्स को समय पर मकान देने और उनका पैसा फंसने से बचाने का यह बढ़िया तरीका है। पहले चरण में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सनटेक डेवलपर्स के साथ तीन प्रोजेक्ट्स के लिए समझौता किया है। ये सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट मुंबई के मेट्रोपॉलिटन रीजन में बनेंगे।
सरकार ने भी उठाए कई कदम
बता दें कि सुस्ती से जूझ रहे रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के सरकार लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने अनफिनिश्ड प्रॉजेक्ट्स वाले डेवलपर्स को राहत देने के लिए 25,000 करोड़ रुपए के अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) बनाया है।