बैंक FD के नियमों में RBI ने किया बड़ा बदलाव, जानिए जमाकर्ताओं को होगा इससे क्या फायदा या नुकसान
मियादी जमा में वह जमा राशि है, जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है। इसमें आवर्ती, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को बैंकों में सावधि जमा (term deposit या Bank Fixed Deposit) की मियाद पूरी होने के बाद बिना दावे वाली राशि पर ब्याज के नियमों में बदलाव किया है। फिलहाल, अगर मियादी जमा की अवधि पूरी हो जाती है और राशि का भुगतान नहीं हो पाता तथा बैंक के पास रकम बिना दावे के पड़ी रहती है तो उस पर बचत जमा पर देय ब्याज के हिसाब से ब्याज दिया जाता है।
आरबीआई द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि इसकी समीक्षा पर यह निर्णय किया गया है कि अगर मियादी जमा परिपक्व होती और राशि का भुगतान नहीं हो पाता और वह बिना दावा के बैंक में पड़ी रहती है तो उस पर ब्याज दर बचत खाता के हिसाब से या सावधि जमा की परिपक्वता पर ब्याज की अनुबंधित दर, जो भी कम हो, देय होगी।
नया नियम सभी वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होगा। मियादी जमा में वह जमा राशि है, जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है। इसमें आवर्ती, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं।
रिजर्व बैंक ने पंजाब एंड सिंध बैंक पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
भारतीय रिजर्व बैंक ने 'बैंकों में साइबर सुरक्षा संरचना' से जुड़े निर्देशों के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने के लिए शुक्रवार को पंजाब एंड सिंध बैंक पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। रिजर्व बैंक ने बताया कि सरकार के स्वामित्व वाले बैंक ने 16 मई और 20 मई, 2020 को कुछ साइबर घटनाओं की जानकारी दी थी। उसने कहा कि उक्त घटनाओं की रिपोर्ट और घटनाओं के फोरेंसिक विश्लेषण की रिपोर्ट की जांच से पता चला कि बैंक ने पहले से निर्दिष्ट निर्देशों का पालन नहीं किया।
रिजर्व बैंक ने पंजाब एंड सिंध बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। रिजर्व बैंक ने कहा कि कारण बताओ नोटिस पर बैंक के जवाब पर ध्यान देने के बाद, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान मौखिक प्रस्तुति दी गई और बैंक द्वारा पेश किए गए स्पष्टीकरण/दस्तावेजों की जांच के बाद रिजर्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उसके निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप जिस हद तक साबित होते हैं, उनसे वित्तीय जुर्माना लगाने की जरूरत पैदा होती है।
इसी बीच इटावा के नगर सहकारी बैंक लिमिटेड पर कुछ नियमों के उल्लंघन के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इन नियमों में 'आय की पहचान, संपत्ति का वर्गीकरण, प्रावधानीकरण एवं दूसरे संबंधित विषय-यूसीबी' से संबंधित नियम शामिल हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि दोनों ही मामलों में जुर्माना नियामकीय अनुपालन में अनियमितता की वजह से लगाया गया।
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