मुंबई: रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को पांइट आफ सेल (पीओएस) जैसी ढांचागत सुविधाओं को प्रोत्साहन देने के वास्ते पहली और दूसरी श्रेणी के केन्द्रों के प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत आने वाले रेहड़ी- पटरी विक्रेताओं को पीआईडीएफ योजना का लाभ देने की पहल की। भुगतान बुनियादी सुविधा विकास कोष (पीआईडीएफ) योजना को तीसरी से लेकर छठी श्रेणी के केन्द्रों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये हर साल 30 लाख नये पीओएस बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया। यह कोष 345 करोड़ रुपये का है। योजना इस साल जनवरी में शुरू हो गई।
योजना का लाभ अब पहली और दूसरी श्रेणी के चुनींदा केन्द्रों पर रेहड़ी- पटरी लगाने वाले विक्रेताओं के लिये उपलब्ध कराने की पहल की गई है। पीएम रहेड़ी-पटरी विक्रेता आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना को कोरोना वायरस महामारी के कारण अपनी जीविका गंवा चुके रेहड़ी पटरी लगाने वाले छोटे कारोबारियों की मदद के लिये शुरू किया गया। इसके तहत इन कामगारों को बिना किसी गारंटी के 10 हजार रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाता है।
देशभर में ऐसे 50 लाख के करीब विक्रेताओं को इसका लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहली और दूसरी श्रेणी के केन्द्रों में पहचान प्राप्त रेहड़ी पटरी विक्रेताओं को पीआईडीएफ योजना का लाभार्थी बनाया जायेगा। हालांकि, अब तक योजना के तहत तीसरी से लेकर छठी श्रेणी के केन्द्रों के छोटे विक्रेताओं को योजना का लाभ मिलता रहेगा।
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