RBI ने Loan लेने वालों को किया सतर्क, समझदार बनने के लिए दिए कुछ अहम सुझाव
RBI ने कहा है कि समझदार बनें उतना ही उधार लें जितना आप चुका सकें।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय साक्षरता सप्ताह का आयोजन किया है। इसके तहत केंद्रीय बैंक देशवासियों को वित्तीय रूप से साक्षर बनाने का काम कर रहा है। इसी कड़ी में आरबीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये लोगों को ऋण से संबंधित कुछ अहम जानकारी दी है। आरबीआई ने कहा है कि ऋण उतना ही लें जितना आप भुगतान कर सकें और उस ऋण का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए करें जिसके लिए लिया है।
आरबीआई ने कहा है कि समझदार बनें उतना ही उधार लें जितना आप चुका सकें। लिए गए ऋण का अधिकतम लाभ पाने के लिए आरबीआई ने कहा है कि जिस काम के लिए ऋण लिया गया है, उसी के लिए इस्तेमाल करें और अपनी देय राशि को लेकर सचेत रहें और उसे समय से चुकाएं। आरबीआई का ध्येय वाक्य है आरबीआई कहता है वित्तीय अनुशासन, चिंतामुक्त जीवन।
आरबीआई ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि होशियार बनें, हमेशा अधिकृत संस्थाओं से ही ऋण लें। अधिकृत संस्थाओं से ही ऋण क्यों लेना चाहिए इसके लिए आरबीआई ने कहा कि बैंक और रजिस्टर्ड फाइनेंस कंपनियां आरबीआई द्वारा विनियमित होती हैं। इनके सही कार्यप्रणाली का पालन न करने पर शिकायतों के निवारण का प्रावधान है। आरबीआई ने कहा कि बैंकों, NBFC और HFC जैसी विनियमित संस्थाओं से लोन लेने में भलाई है क्योंकि इनकी नियमित रूप से निरीक्षण और निगरानी की जाती है।
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RBI ने यह भी सुझाव दिया है कि प्रत्येक बैंक ग्राहक को अपने अकाउंट से संबंधित लेन-देन के बारे में तुरंत अलर्ट पाने के लिए अपने बैंक के पास अपना मोबाइल नंबर और ईमेल रजिस्टर जरूर करवाना चाहिए।
आरबीआई को 1509 डिजिटल लोन एप्स के बारे में मिली शिकायतें
आरबीआई ने बताया कि उसे 1509 डिजिटल लेंडिंग एप्लीकेशंस के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई हैं। वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लोकसभा में बताया कि आरबीआई को 1019 अनरजिस्टर्ड या अनियमित डिजिटल लोन एप्लीकेशन और 490 रजिस्टर्ड एनबीएफसी के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। केंद्रीय बैंक ने पिछले साल दिसंबर में आम जनता को सजग करते हुए अनाधिकृत डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म/एप्स से सावधान रहने की अपील की थी। मंत्री ने कहा कि डिजिटल लेंडिंग गतिविधियों के सभी पहलुओं को नियमित करने के लिए एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है ताकि एक उचित नियामकीय व्यवस्था को लागू किया जा सके।
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