जल्द खत्म होने वाला है इंतजार, उत्तर-मध्य भारत में होगी अब ज्यादा बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि बिहार और पूर्वोत्तर के जिन इलाकों में बीते दिनों भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं वहां अब भारी बारिश का सिलसिला थमेगा
नई दिल्ली। मानसून की बेरुखी झेल रहे उत्तर और मध्य भारत में बारिश के अनुकूल परिस्थितियां बनने से अब यहां के लोगों को जल्द ही भारी गर्मी और उमस से राहत मिलने वाली है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहे बिहार समेत पूर्वोत्तर के प्रांतों को जल्द ही मानसून के कहर से राहत मिल सकती है। वहीं दूसरी ओर मानसून की सक्रियता से उत्तर व मध्य भारत में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रमुख डॉ. मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि बिहार और पूर्वोत्तर के जिन इलाकों में बीते दिनों भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं वहां अब भारी बारिश का सिलसिला थमेगा, जबकि ओडिशा से लेकर गुजरात तक मध्य भारत में अगले चार-पांच दिनों में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में भी बारिश में आगे सुधार होने की उम्मीद है, खासतौर से पूर्वी राजस्थान में इसी सप्ताह से बारिश हो सकती है।
देश की राजधानी दिल्ली में मानसून की बेरुखी पर पूछे गए सवाल पर डॉ. महापात्र ने कहा कि दिल्ली, चंडीगढ़ और हरियाणा में मानसून के दौरान अब तक सामान्य बारिश हुई है। दिल्ली में इस बार वक्त से दो दिन पहले 25 जून को मानसून ने दस्तक दी, लेकिन उसके बाद से हल्की-फुल्की बारिश जरूर हुई है, लेकिन मूसलधार बारिश अब तक नहीं हुई है। देशभर में बारिश के वितरण को लेकर पूछे गए सवाल पर आईएमडी महानिदेशक ने कहा कि 13 जुलाई तक देश में मौसम विज्ञान के कुल 36 सब-डिवीजन में से 30 सब-डिवीजन में औसत से अधिक बारिश हुई है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ छह सब-डिवीजन में डिफिशिएंट रेन हुआ है यानी बारिश का टोटा रहा है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, जब औसत से 20 प्रतिशत या उससे भी कम बारिश होती है तो उसे डिफिशिएंट रेन कहा जाता है। ऐसे इलाकों में अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख व केरल शामिल हैं।
डॉ. महापात्र ने कहा कि मानसून की प्रगति अब तक औसत से बेहतर रही है और अच्छी बारिश हुई है इस बात की तस्दीक परिचायक खरीफ बुवाई में आई तेजी से होती है। चालू खरीफ सीजन में बीते सप्ताह तक 580.21 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है जो कि पिछले साल की समान अविध के 402.57 लाख हेक्टेयर से 44.13 फीसदी अधिक है। चालू महीने जुलाई और अगस्त महीने के मानूसन के पूवार्नुमान के बारे में पूछे गए सवाल पर देश के शीर्ष मौसम विज्ञानी और आईएमडी प्रमुख ने कहा कि हमने पहले जो पूवार्नुमान जारी किया था कि जुलाई महीने में सामान्य बारिश होगी उसमें अब तक कोई बदलाव नहीं किया है। जुलाई में 102 फीसदी जबकि अगस्त मे 97 फीसदी बारिश का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि जुलाई महीने में जिन इलाकों में बारिश कम हुई है वहां आगे सुधार होगा। आईएमडी की 14 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार, चालू मानसून सीजन के दौरान पूरे भारत में एक जून से लेकर 14 जुलाई तक औसत से 11 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। चालू मानसून सीजन में 14 जुलाई तक देशभर में 320.1 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस दौरान औसत बारिश 288.9 मिलीमीटर होती है। हालांकिए उत्तर-पश्चिम भारत में एक जून से लेकर 14 जुलाई औसत से 11 प्रतिशत कम बारिश हुई। वहीं पूरब और पूर्वोत्तर भारत में औसत से 15 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है, जबकि मध्य भारत में औसत से 16 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है और दक्षिण प्रायद्वीपीय हिस्से में औसत से 14 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।