नई दिल्ली। आयकर विभाग ने एलटीसी कैश वाउचर स्कीम के तहत आयकर छूट का दायरा बढ़ाने की घोषणा की है। आयकर विभाग ने गुरुवार को एलटीसी कैश वाउचर स्कीम को अब राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी लागू करने की घोषणा की है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने अपने एक बयान में कहा कि गैर-केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए प्रति व्यक्ति (राउंड ट्रिप) दिए जाने वाले लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) किराये, अधिकमत 36,000 रुपए प्रति व्यक्ति, के रूप में मिलने वाली नगद राशि को कुछ शर्तों के साथ आयकर छूट प्रदान की जाती है।
सीबीडीटी ने कहा कि अन्य कर्मचारियों (गैर-केंद्र सरकार कर्मचारियों) को भी लाभ पहुंचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि केंद्र सरकार के अलावा अन्य सभी कर्मचारियों को एलटीसी किराये के बराबर किए जाने वाले नगद भुगतान पर आयकर छूट प्रदान की जाएगी। गैर-केंद्र सरकार कर्मचारियों में राज्य सरकारों, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज, बैंक और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी शामिल होते हैं।
एलटीसी कैश वाउचर स्कीम के तहत आयकर छूट का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को 12 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 के बीच जीएसटी रजिस्टर्ड वेंडर्स/सर्विस प्रदाता से डिजिटल माध्यम से 12 प्रतिशत या इससे अधिक की जीएसटी दर वाले उत्पाद या सेवा के लिए एलटीसी किराये मूल्य के तीन गुना तक राशि खर्च करने पर मिलेगा।
कर्मचारी 2018-2021 ब्लॉक वर्ष के लिए लागू एलटीसी के लिए एलटीसी कैश वाउचर ले सकते हैं। त्योहारी सीजन में उपभोग को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 12 अक्टूबर को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एलटीसी किराये के बराबर नगद राशि देने की घोषणा की थी। कोरोना वायरस महामारी और इसके कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से परिवहन और आतिथ्य क्षेत्र में आए व्यवधान और सामाजिक दूरी का पालन करने के कारण बहुत से कर्मचारी 2018-21 ब्लॉक में एलटीसी के लाभ से वंचित रहे हैं।
सीबीडीटी ने कहा है यदि एलटीसी किराया 80,000 रुपए (20,000 रुपएx4) बनता है तो इस योजना के तहत कर छूट योग्य खर्च करने वाली राशि 2,40,000 रुपए होगी। यदि कर्मचारी इस पूरी राशि और इससे अधिक खर्च करता है तो उसे पूरे एलटीसी किराये पर कर छूट का फायदा मिलेगा। हालांकि, यदि कर्मचारी केवल 1,80,000 रुपए खर्च करता है तो उसे एलटीसी किराये के 75 प्रतिशत (60,000 रुपए) पर ही कर छूट का लाभ मिलेगा।
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