किसानों के लिए सरकार ने लिया एक और बड़ा फैसला, लाखों किसानों को होगा फायदा
तीन कृषि कानूनों के मामले के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से किसानों को निश्चित तोर पर लाभ होने वाला है।
नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के मामले के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से किसानों को निश्चित तोर पर लाभ होने वाला है। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रफ्तार देने के लिए अब कृषि मंत्रालय द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। देश के करीब 100 जिलों में जहां चावल-गेहूं की खेती अधिक होती है उन स्थानों पर ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा।
सरकार के इस फैसले के बाद जब काम पूरा हो जाएगा तो ड्रोन की मदद से इन जिलों में हुए नुकसान का डाटा निकालने में आसानी होगी। ताकि किसानों को बीमा योजना के तहत मिलने वाले मुआवजे को जल्द से जल्द उन्हें दिया जा सके। कृषि मंत्रालय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर धान एवं गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आकलन के लिए ड्रोन से तस्वीरें खींचेगा।
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कृषि मंत्री ने ट्वीट किया कि देश में फसल के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आकलन का यह पहला रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी आधारित सबसे बड़ा पायलट अध्ययन है। उन्होंने बताया कि पायलट अध्ययन में ड्रोन से खींची गई तस्वीरों के अलावा सैटेलाइट आंकड़ों, बायोफिजिकल मॉडल, स्मार्ट सैंपलिंग, कृत्रिम मेधा (एआई) का भी इस्तेमाल किया जाएगा। तोमर ने ट्वीट किया, ‘‘पीएमएफबीवाई के तहत दावों के समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए डीजीसीएस ने कृषि मंत्रालय के 100 धान और गेहूं उत्पादक जिलों में ड्रोन उड़ाने की अनुमति दे दी है।’’
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के उद्देश्य- योजना के उद्देश्य प्राकृतिक आपदा, कीड़े और रोग की वजह से सरकार द्वारा अधिसूचित फसल में से किसी नुकसान की स्थिति में किसानों को बीमा कवर और वित्तीय सहायता देना।
- किसानों की खेती में रुचि बनाये रखने के प्रयास एवं उन्हें स्थायी आमदनी उपलब्ध कराना।
- किसानों को कृषि में इन्नोवेशन एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना। कृषि क्षेत्र में ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- किसान की एक फोटो किसान का आईडी कार्ड (पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड) किसान का एड्रेस प्रूफ (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड) अगर खेत आपका अपना है तो इसका खसरा नंबर / खाता नंबर का पेपर साथ में रखें।
- खेत में फसल की बुवाई हुई है, इसका सबूत पेश करना होगा।
- इसके सबूत के तौर पर किसान पटवारी, सरपंच, प्रधान जैसे लोगों से एक पत्र लिखवा ले सकते हैं।
- अगर खेत बटाई या किराए पर लेकर फसल की बुवाई की गयी है, तो खेत के मालिक के साथ करार की कॉपी की फोटोकॉपी जरूर ले जायें।
- इसमें खेत का खाता/ खसरा नंबर साफ तौर पर लिखा होना चाहिए।