पेंशनर्स को अब नहीं खाने होंगे ऑफिसों के धक्के, ईमेल से भेज सकेंगे लाइफ सर्टिफिकेट
सीनियर सिटिजंस को अब जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए ऑफिसों के चक्कर नहीं कांटने होंगे। वो अब ई-मेल के जरिए भी इसे भेज सकते है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले पेंशनर्स को बड़ा गिफ्ट दिया है। सीनियर सिटिजंस को अब जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए ऑफिसों के चक्कर नहीं कांटने होंगे। वो अब ई-मेल के जरिए भी इसे भेज सकते है।
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क्या हैं नया प्लान
- सरकार ने जीवन प्रमाण के लिए पेंशनर्स को यह सहूलियत दी है कि वो अब आधार के जरिए यह प्रमाणित कर सकते हैं कि वो जीवित हैं।
- इसका उपयोग करने पर उन्हें किसी सरकारी कार्यालय में खुद मौजूद नहीं होना पड़ता है।
- नए प्रस्ताव को लागू करने से सीनियर सिटिजंस अपने ताजा आधार ऑथेंटिकेशन स्टेटमेंट को सरकारी कार्यालय को ईमेल या पोस्ट के जरिए भेजकर भी यह सबूत दे सकेंगे कि वे जीवित हैं।
जीवन प्रमाण 2.0 है यह नया कदम
- यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने इसे लॉन्च करते वक्त बताया था कि यह कदम जीवन प्रमाण 2.0 होगा और इससे पेंशनर्स को आधार के जरिए अपना ऑथेंटिकेशन करने के लिए नजदीकी सेंटर पर जाने की जरूरत नहीं रहेगी।
- पांडेय के मुताबिक पेंशनर्स अब घर से ही स्टेटमेंट भेज सकेंगे, जो उनकी पेंशन की प्रोसेसिंग के लिए पर्याप्त होगा।
- उन्होंने कहा कि पेंशन वितरण के लिए बनी नोडल एजेंसी इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देगी।
- उन्होंने कहा, हम उनसे बातचीत कर रहे हैं। जीवन प्रमाण की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, भारत में एक करोड़ पेंशनर परिवार हैं, जिनमें केंद्र सरकार के 50 लाख पेंशनर्स शामिल हैं।
- पोर्टल के मुताबिक, लगभग 16.7 लाख पेंशनर्स जीवन प्रमाण के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इसमें कहा गया, ‘यह पाया गया कि जीवन प्रमाण से पहले वाले सिस्टम में बुजुर्ग लोगों को बहुत असुविधा होती थी।
- भी जीवन प्रमाण ऑथेंटिकेशन या तो कॉमन सर्विस सेंटर्स और सरकारी कार्यालयों के जरिए या प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस के एक नेटवर्क के जरिए किया जा सकता है।
- जिन्हें देशभर में बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन करने का सर्टिफिकेट दिया गया है।
paisa.khabarindiatv का सुझाव
पेंशनर्स के लिए सरकार की ये योजना बेहद सराहनीय कदम है। इससे अब करोड़ों पेंशनभोगियों को मदद मिलेगी। हालांकि सरकार को कुछ और प्रयास भी करने चाहिए, ताकि सभी पेंशनभोगी नई व्यवस्था का लाभ उठा सकें।सबसे पहले सभी पेंशनर्स के आधार कार्ड सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा बुजुर्गों को फ्री में बेसिक कंप्यूटर ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। ताकि वो आसानी से इस सुविधा का फायदा उठा सकें। इसके लिए सरकार स्थानीय स्कूलों और वालंटियर्स की मदद ले सकती है।