नई दिल्ली। चेक क्लियरेंस प्रक्रिया को तेज और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि वह इस साल सितंबर से पूरे देश में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (cheque truncation system : CTS) को लागू करेगा। इस सिस्टम में चेक क्लियरिंग के लिए चेक को एक बैंक से दूसरे बैंक तक भेजना नहीं पड़ता है। इसके लिए चेक की एक डिजिटल इमेज स्कैन कर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भेज दी जाती है। इस सिस्टम से चेक क्लियरेंस में लगने वाली लागत, समय और श्रमशक्ति की बचत होती है। सीटीएस से चेक क्लियर करने में समय कम लगता है और धोखाधड़ी की संभावना भी कम हो जाती है।
आरबीआई ने 2010 में इस सिस्टम को पेश किया था। वर्तमान में, कुछ प्रमुख शहरों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। आरबीआई द्वारा जारी डेवलपमेंट एंड रेगूलेटरी पॉलिसी में कहा गया है कि सीटीएस, जो वर्तमान में देश के प्रमुख क्लियरिंग हाउसेस में उपयोग किया जा रहा है और इसके परिणाम अच्छे आए हैं। इसको देखते हुए सितंबर, 2020 से पूरे देश में सीटीएस को लागू करने का निर्णय लिया गया है।
चेक ट्रंकेशन सिस्टम आरबीआई के तहत एक चेक क्लियरिंग सिस्टम है, जो चेक क्लियरेंस प्रक्रिया को तेज बनाता है। इस सिस्टम में क्लियरिंग प्रक्रिया में फिजिकल चेक का उपयोग कम हो जाता है। इस सिस्टम में चेक की एक इलेक्ट्रॉनिक इमेज को आवश्यक जानकारी के साथ ट्रांसफर किया जाता है। चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक प्रोसेसिंग एंड क्लियरिंग की संपूर्ण गतिविधि को आसान बनाता है और बैंकों को कई लाभ प्रदान करता है।
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