PM-KISAN: सरकार ने किया ऐलान, योजना के लिए फंड बढ़ाने का नहीं है प्लान
कृषि मंत्री ने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत अपात्र किसानों से वसूली के तहत महाराष्ट्र में इस साल 11 मार्च तक लगभग 78.37 करोड़ रुपये की वसूली जा चुकी है।
नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार के पास प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत आवंटित फंड को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मंगलवार को कृषि मंत्री ने संसद में कहा कि पीएम किसान एक केंद्रीय प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना है, जिसके तहत प्रति वर्ष 6000 रुपये की आर्थिक सहायता किसान परिवारों को उपलब्ध कराई जाती है।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा कि पीएम किसान योजना के तहत आवंटित फंड में वृद्धि करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसानों को एक साल में 6000 रुपये की आर्थिक मदद तीन बराबर किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में पहुंचाई जा रही है। उन्होंने बताया कि असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को छोड़कर लाभार्थियों के आधार-सीडेड डाटा के आधार पर भुगतान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पीएम किसान योजना के तत राज्य वार फंड का आवंटन नहीं किया गया है। राजस्थान में इस योजना के तहत अबतक 70,82,035 किसान परिवार लाभांवित हो चुके हैं। राज्य में इस योजना के तहत अबतक कुल 7632.695 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। गंगानगर जिले में लाभार्थियों की संख्या 145,799 है, जबकि दौसा जिले में लाभार्थियों की संख्या 171,661 है।
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अपात्र किसानों से की जा रही है वसूली
कृषि मंत्री ने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत अपात्र किसानों से वसूली के तहत महाराष्ट्र में इस साल 11 मार्च तक लगभग 78.37 करोड़ रुपये की वसूली जा चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि पीएम किसान एक निरंतर चलने वाली योजना है और जब पात्र लाभार्थी का सही और त्रुटि मुक्त डाटा राज्य की ओर से प्राप्त होता है, तब किस्त का भुगतान डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के खाते में कर दिया जाता है। राज्यों द्वारा पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड किए गए लाभार्थी उस अवधि के लिए सहायता प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
मछली पालकों को दिया जा रहा है लाभ
मछुआरों को पीएम किसान योजना का लाभ दिए जाने के सवाल पर मत्स्य राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि मछुआरों को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पादन योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 20050 करोड़ रुपये के निवेश से मदद प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत मछली पकड़ने पर पाबंदी और लीन अवधि में मछुआरों को 4500 रुपये की मदद उपलब्ध कराई जाती हे।
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