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Hindi News पैसा फायदे की खबर सरकार ने ड्रोन इस्‍तेमाल को बनाया और आसान, कार्गो डिलीवरी के लिए बनाए जाएंगे ड्रोन कॉरिडोर्स

सरकार ने ड्रोन इस्‍तेमाल को बनाया और आसान, कार्गो डिलीवरी के लिए बनाए जाएंगे ड्रोन कॉरिडोर्स

ग्रीन जोन में ड्रोन को उड़ाने के लिए किसी भी मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के जरिये सभी ड्रोन को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा।

 New Drone Policy Drone Rules 2021 announced, Drone corridors will be developed for cargo deliveries- India TV Paisa Image Source : PIXABAY  New Drone Policy Drone Rules 2021 announced, Drone corridors will be developed for cargo deliveries

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने देश में ड्रोन इस्‍तेमाल को और आसान बनाने के लिए गुरुवार को नई ड्रोन पॉलिसी की घोषणा की है। ड्रोन रूल्‍स 2021 के मुताबिक ड्रोन का रजिस्‍ट्रेशन करवाने या लाइसेंस लेने से पहले अब सिक्‍यूरिटी क्‍लीयरेंस लेने की आवश्‍यकता नहीं होगी। ड्रोन उपयोग शुल्‍क को भी घटाकर न्‍यूनतम कर दिया गया है।

सरकार ने अधिकतम जुर्माने की राशि को भी घटाकर 1 लाख रुपये कर दिया है और अन्‍य नियमों के उल्‍लंघन पर जुर्माना प्रावधान को समाप्‍त कर दिया है। सरकार ने एक बिजेनस-फ्रेंडली रेगूलेटरी व्‍यवस्‍था की सुविधा के लिए अनमैन्‍ड एयरक्राफ्ट सिस्‍टम प्रमोशन काउंसिल की स्‍थापना की भी घोषणा की है।

नई पॉलिसी के तहत ड्रोन का आयात विदेश व्‍यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की मंजूरी के साथ किया जा सकेगा। ड्रोन रूल्‍स 2021 के तहत कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर्स का निर्माण किया जाएगा। भारी वजन उठाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्‍सी सेवा के लिए ड्रोन के कवरेज को भी 300 किग्रा से बढ़ाकर 500 किग्रा किया गया है।

ड्रोन के लिए फॉर्म और मंजूरियों की संख्‍या को भी 25 से घटाकर 5 कर दिया गया है। डिजिटल स्‍काई प्‍लेटफॉर्म पर ग्रीन, येलो और रेड जोन के साथ इंटरेक्टिव एयरस्‍पेस मैप को प्रदर्शित किया जाएगा। एयरपोर्ट पेरीमीटर से येलो जोन को 45 किमी से घटाकर 12 किमी किया गया है।  

ग्रीन जोन में ड्रोन को उड़ाने के लिए किसी भी मंजूरी की आवश्‍यकता नहीं होगी। इसके साथ ही एयरपोर्ट पेरीमीटर से 8 से 12 किलोमीटर क्षेत्र में 200 फुट तक की ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने के लिए भी मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल स्‍काई प्‍लेटफॉर्म के जरिये सभी ड्रोन को ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन कराया जा सकेगा।

ड्रोन के ट्रांसफर या डीरजिस्‍ट्रेशन की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा। गैर-वाणिज्यिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन को उड़ाने के लिए पायलेट लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी। ड्रोन प्रशिक्षण और परीक्षा का आयोजन अधिकृत ड्रोन स्‍कूल द्वारा किया जाएगा। डीजीसीए प्रशिक्षण की सुविधा, ड्रोन स्‍कूलों पर निगरानी और पायलेट लाइसेंस ऑनलाइन देने की व्‍यवस्‍था करेगा।

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