नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच मोदी सरकार ने नौकरी करने वालों के लिये बड़ी राहत का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने एम्प्लॉय डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम यानि EDLI योजना के तहत दी जाने वाली बीमा राशि की सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया है। ईपीएएफओ अपने सब्सक्राइबर्स को जीवन बीमा की सुविधा देता है। सभी सब्सक्राइबर इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम के तहत कवर होते हैं। पहले इस कवर की राशि 6 लाख रुपये थी जिसे अब बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। कोरोना संकट के बीच नौकरी पेशा लोगों पर बढ़त जोखिम के बीच सरकार ने ये फैसला लिया। जिसकी अधिसूचना 28 अप्रैल को जारी हो गयी है, जिसके साथ ही बढ़ी हुई लिमिट का फायदा मिलने लगा है।
जानें कब ले सकते हैं EDLI स्कीम का फायदा
स्कीम के तहत सब्सक्राइबर की तरफ से नॉमिनी कर्मचारी की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर क्लेम कर सकता है। अब यह कवर उन कर्मचारियों के परिवारों को भी मिलता है, जिसने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में नौकरी की है। भुगतान एकमुश्त किया जाता है। योजना में कर्मचारी को कोई रकम देनी नहीं पड़ी। नॉमिनी न होने की स्थिति में मृत कर्मचारी का जीवनसाथी, अविवाहित लड़कियां और नाबालिग बेटा/बेटे लाभार्थी होंगे।
कितना पा सकते हैं क्लेम
स्कीम में क्लेम की गणना कर्मचारी को मिली आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA के आधार पर की जाती है. ताजा संशोधन के तहत अब इस इंश्योरेंस कवर का क्लेम आखिरी बेसिक सैलरी+DA का 35 गुना होगा, जो पहले 30 गुना होता था. साथ ही अब 1.75 लाख रुपये का अधिकतम बोनस मिलेगा जो पहले 1.50 लाख रुपये था. यह बोनस आखिरी 12 माह के दौरान एवरेज पीएफ बैलेंस का 50 फीसदी माना जाता है. उदाहरण के तौर पर आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA अगर 15000 रुपये है तो इंश्योरेंस क्लेम (35 x 15,000) + 1,75,000= 7 लाख रुपये हुआ। यह क्लेम की अधिकतम ऱाशि है।
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