नई दिल्ली। मेटल रिसाइक्लिंग पॉलिसी आने के बाद लोग अपनी पुरानी कारों और फ्रिज जैसे उत्पादों को पहले से तय कीमत पर स्क्रैप डीलरों को बेच सकेंगे। नीति आयोग और इस्पात मंत्रालय संयुक्त रूप से यह नीति तैयार कर रहे हैं। धातु को रिसाइकिल करने की नीति पर नीति आयोग विभिन्न अंशधारकों से मिल चुका है। इसे अगले कुछ माह में अंतिम रूप दिया जाएगा।
नीति आयोग के सदस्य विजय कुमार सारस्वत ने कहा, मेटल स्क्रैप के रूप में हमारे पास भारी संपदा है। हम इस्पात मंत्रालय के साथ इस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम कबाड़ या स्क्रैप का प्रबंधन संगठित तरीके से करना चाहते हैं। हम कई स्क्रैप केंद्र क्यों हीं स्थापित कर सकते। देश के प्रत्येक हिस्से में जहां लोग अपनी पुरानी कार, फ्रिज, वाशिंग मशीन बेचकर उचित मूल्य पा सकें।
इस नीति को बनाते समय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 15 साल से अधिक पुरारे डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध के फैसले तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा देश में पहली अप्रैल से भारत-चरण तीन वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध के फैसले को ध्यान में रखना होगा। धातु स्क्रैप के प्रयोग को कई विकसित देशों मसलन जर्मनी, स्वीडन, फिनलैंड, तुर्की, आस्ट्रेलिया और अमेरिका में काफी प्रोत्साहन दिया जाता है।
उद्योग के अनुमान के अनुसार इन देशों में औसत रिसाइक्लिंग की दर 80 प्रतिशत है। भारत में रिसाइक्लिंग की दर 20 से 25 प्रतिशत है।
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