ATM ट्रांजेक्शन के बावजूद नहीं निकले पैसे, ये है वापस पाने का तरीका
ATM से लेकर इंस्टेंट मनी ट्रांसफर जैसी तकनीकों ने हमारे लिए बैंकिेंग करना बेहद आसान बना दिया है। लेकिन कई बार तकनीकी गड़बड़ी हमारे लिए मुश्किल खड़ी भी कर देती है।
नई दिल्ली। पिछले 15 साल में टेक्नोलॉजी ने जिस सेक्टर का कायाकल्प कर दिया है, वह है बैंकिंग का क्षेत्र। ATM से लेकर इंस्टेंट मनी ट्रांसफर जैसी तकनीकों ने हमारे लिए बैंकिेंग करना बेहद आसान बना दिया है। लेकिन कई बार तकनीकी गड़बड़ी हमारे लिए मुश्किल खड़ी भी कर देती है। एक गड़बड़ी जो अक्सर लोगों के सामने पेश आती है वह है एटीएम से पैसे न निकलना। कई बार पैसे निकालने के लिए हम ATM का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अक्सर मशीन में खराबी के चलते एटीएम में पिन डालने के बाद आपका प्रोसेस कम्पलीट तो आ जाता है और खाते से पैसे भी कट जाते हैं, लेकिन पैसे नहीं निकलते है। आज हम बताने जा रहे हैं कि अगर आप भी इसी मुश्किल में फंस गए हैं तो क्या करें।
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पैसे न निकलने पर उठाएं ये कदम
अगर ATM से पैसे नहीं निकले और अकाउंट से पैसे कटने का मैसेज आ जाता है तो ऐसे में ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। जिस बैंक ने आपको डेबिट कार्ड जारी किया है उसे इसकी शिकायत करें। आपकी ट्रांस्जेक्शन बैंक के ATM में फेल हुआ हो या फिर किसी दूसरे अन्य बैंक के ATM पर, शिकायत आपको अपने बैंक में ही करनी होती है।
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आरबीआई के निर्देश
इसके लिए आरबीआई ने एक समय सीमा तय की हुई है। आरबीआई ने मई 2011 में दिशा निर्देश जारी किए थे जिनके तहत शिकायत मिलने के सात दिनों के अंदर बैंक कस्टमर को उसके पैसे वापस करेगा। इस निर्देश के अनुसार पहले यह अवधि 12 दिनों की थी। अगर आपका पैसा 7 दिनों में नहीं आया तो कस्टमर मुआवजे की मांग कर सकता है। इसमें जितने भी दिनों की देरी हुई है उस हिसाब से 100 रुपए प्रति दिन के रुप में मुआवजा देना होता है। आरबीआई का यह निर्देश जुलाई 2011 से लागू है। इसके तहत अगर कस्टमर इस बारे में कोई शिकायत नहीं करता तो उस स्थिति में भी बैंक की ही जिम्मेदारी है कि वह उसे मुआवजा दे।
ट्रांजेक्शन फेल होने पर यह है नियम
लेकिन आरबीआई के इस नियम में यह भी है कि अगर कस्टमर अपना ट्रंस्जेक्शन फेल होने के 30 दिनों तक के अंदर इसकी शिकायत नहीं करता तो वह व्यक्ति मुआवजे का हकदार नहीं होता। मान लीजिए अगर बैंक आपकी शिकायत की सुनवाई नहीं कर रहा तो कस्टमर अपनी समस्या स्थानीय लोकपाल के सामने ले जाकर रख सकता है