अपनी बेटी के उज्जवल भविष्य के लिए लीजिए सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली सुकन्या योजना
रिटर्न के मामले में सुकन्या योजना फिलहाल सबसे आकषर्क है। सरकार ने ब्याज दर में वृद्धि करके इसकी चमक को और बढ़ा दिया है।
नई दिल्ली: सरकार ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को सफल बनाने के लिए ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ शुरू की है। यह लघु बचत योजना बच्चियों की उच्च शिक्षा और शादी पर होने वाले खर्च की जरूरत को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए डाकघर या अधिसूचित बैंक की अधिकृत शाखा में जाकर ‘सुकन्या समृद्धि खाता’ खुलवाना होगा।
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कोई भी माता-पिता अपनी 10 साल तक की बेटी का यह खाता खुलवा सकता है। इस योजना की लांचिंग के समय सरकार ने इस खाते पर 9.1 फीसद का सालाना ब्याज घोषित किया था। बेटियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक अप्रैल से इस ब्याज दर को बढ़ाकर 9.2 फीसद कर दिया है। अन्य बचत योजनाओं की तुलना में यह ब्याज काफी आकषर्क है। इस योजना को प्रोत्साहित करने के लिए कई सरकार ने कई विशेष आफर दिए हैं। ऐसे में बिटिया का भविष्य उज्ज्वल बनाने में यह योजना काफी मददगार साबित हो सकती है।
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क्या है योजना
रिटर्न के मामले में सुकन्या योजना फिलहाल सबसे आकषर्क है। सरकार ने ब्याज दर में वृद्धि करके इसकी चमक को और बढ़ा दिया है। यदि तुलना की जाए यह योजना अब तक की सबसे लोकप्रिय पीपीएफ से ज्यादा उपयोगी हो गई है। सुकन्या समृद्धि खाता बिटिया की दस साल की आयु तक खुलवाया जा सकता है। इस योजना में एक बेटी के नाम से एक ही खाता खोला जा सकता है। यदि आपकी दो बेटियां हैं तो दोनों का अलग-अलग खाता खुलवाया जा सकता है। इस योजना में परिवार में दो से अधिक बेटियों के खाते नहीं खोले जा सकते। हालांकि जुड़वां बेटियां होने की स्थिति में संबंधित प्रमाण पत्र देकर तीसरा खाता खुल सकता है। बेटी की दस वर्ष तक की आयु होने तक सुकन्या समृद्धि खाते का संचालन, माता-पिता या अन्य अभिभावक करेंगे। इसके बाद बालिका अपने खाते का संचालन स्वयं कर सकती है। इस खाते को देशभर में कहीं भी ट्रांसफर कराया जा सकता है।
कैसे खुलवाएं खाता
यदि आप बिटिया का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा रहे हैं तो बैंक या डाकघर में जाकर उसका जन्म प्रमाण पत्र देना होगा। इसके साथ ही अभिभावक को अपना फोटो, पता एवं पहचान का प्रमाण पत्र जमा कराना होगा। खाता खुलवाने के लिए न्यूनतम राशि 1000 रुपए निर्धारित की गई है। इसके आगे 100 रुपए के गुणांक में रकम जमा कराई जा सकती है। इस खाते में एक साल के दरम्यान अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा कर सकते हैं। इस रकम को किस्तों में भी जमा किया जा सकता है। एक वित्त वर्ष के दौरान इस खाते में कम से कम 1000 रुपए जरूर जमा कराने होंगे। न्यूनतम राशि जमा नहीं करने पर 50 रुपए सालाना की पेनाल्टी का प्रावधान किया गया है।
ब्याज का आकलन
इस योजना में निश्चित ब्याज का प्रावधान नहीं। सरकार वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले ब्याज दर का ऐलान करेगी। चालू वित्त वर्ष के लिए इस खाते पर 9.2 फीसद ब्याज घोषित किया गया है। ब्याज की गणना सालाना चक्रवृद्धि आधार पर की जाएगी। खाते में जमा मूल रकम और ब्याज का ब्योरा देने के लिए खाता खोलने के समय एक आपको एक पासबुक दी जाएगी जिस पर बच्ची की जन्मतिथि, खाता खोलने की तिथि, खाताधारक का नाम व पता दर्ज होगा। इस पासबुक को समय-समय पर अपडेट कराते रहना चाहिए ताकि खाते में जमा रकम का पूरा ब्योरा मिलता रहे।
धन की निकासी
सुकन्या समृद्धि खाता बिटिया के 21 वर्ष पूरे होने के बाद ही परिपक्व होगा। हालांकि बेटी के 18 वर्ष की होने पर इस खाते में जमा कुल रकम में से 50 फीसद रकम उसकी उच्च शिक्षा अथवा शादी के लिए निकाली जा सकती है। खाते में जमा पूरी रकम इस खाते के परिचालन के 21 साल पूरे होने पर निकाली जा सकती है। यदि बेटी का विवाह खाते की 21 वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले हो जाता है तो विवाह की तिथि के बाद खाते का संचालन बंद कर दिया जाएगा। इस स्थिति में यह खाता पहले ही बंद कराना होगा। इसके लिए खाताधारक को एक शपथ पत्र देना होगा।
आयकर में राहत
आयकर बचाने की दृष्टि से यह योजना काफी उपयोगी है। इस योजना में सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर आयकर की धारा 80सी के तहत कर छूट का प्रावधान किया गया है। मैच्योरिटी के समय मिलने वाली पूरी रकम टैक्स फ्री होगी। इस तरह कुल मिलाकर देखा जाए तो बचत के लिए सुकन्या समृद्धि योजना अन्य सभी योजनाओं पर भारी पड़ती है। ऐसे में अपनी बेटी की सुख-समृद्धि के लिए यह खाता जरूर खुलवाना चाहिए।