नई दिल्ली। अगर आपको अपने नियोक्ता से 15 जून तक फॉर्म-16 नहीं मिलता है तो चिंता की कोई बात नहीं है। हो सकता है यह आपको 15 जून तक मिल जाए। वित्त मंत्रालय ने एसेसमेंट ईयर 2017-18 में कर्मचारियों को फॉर्म-16 जारी करने की समय-सीमा 31 मई से बढ़ा कर 15 जून कर दी है। इसी साल 2 जून को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस संदर्भ में एक नोटिफिकेशन जारी किया था। नोटिफिकेशन आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
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फॉर्म-16 में होती हैं ये जानकारियां
इनकम टैक्स फॉर्म-16 प्रत्येक वित्त वर्ष में नियोक्ता द्वारा अपने प्रत्येक कर्मचारी को जारी किया गया एक सर्टिफिकेट होता है। इसमें कर्मचारी को दी गई कुल सैलरी, कुल टैक्स और नियोक्ता द्वारा स्रोत पर की गई कर-कटौती (TDS) का पूरा विवरण होता है। इसके अलावा, इसमें कर्मचारी द्वारा क्लेम की कटौतियों का विवरण भी होता है। फॉर्म-16 आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 203 के तहत जारी किए जाते हैं और इसके दो हिस्से – A और B – होते हैं।
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फॉर्म-16 देने में विलंब करने पर लगती है पेनाल्टी
आयकर अधिनियम की धारा 203 के तहत अगर कर्मचारी की आय में से टैक्स काटा गया है तो नियोक्ता को अनिवार्य रूप से फॉर्म-16 जारी करना होगा। हालांकि, अगर कर्मचारी की आय से TDS नहीं काटा गया है तो नियोक्ता फॉर्म-16 देने से इनकार भी कर सकता है। इसी अधिनियम में यह भी कहा गया है कि अगर फॉर्म-16 तय समय यानि 15 जून तक जारी नहीं किया जाता है तो आयकर अधिनियम की धारा 272A(2)(g) के तहत नियोक्ता को फॉर्म-16 जारी न करने की तारीख तक प्रतिदिन 100 रुपए के हिसाब से पेनाल्टी देनी होगी।
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