बिना पैसे करवाएं कोरोना का इलाज! बीमा कंपनी न दे कैशलेस ट्रीटमेंट तो यहां करें शिकायत
कोई भी अस्पताल अगर इंश्योरेंस कंपनी के नेटर्वक अस्पताल की लिस्ट में है तो वह कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए मना नहीं कर सकता है।
देश में इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है। अस्पताल मरीजों से अटे पड़े हैं। निजी अस्पताल में इलाज का खर्च लाखों में पहुंच रहा है। दूसरी ओर शिकायतें मिल रही हैं कि अस्पताल और बीमा कंपनियां कोरोना के इलाजे के लिए लिए कैशलैस सुविधा नहीं दे रही हैं। इस बीच बीमा नियामक इरडा (IRDAI) ने हाल ही में बीमा कंपनियों को यह निर्देश दिया था कि कोई भी अस्पताल अगर इंश्योरेंस कंपनी के नेटर्वक अस्पताल की लिस्ट में है तो वह कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए मना नहीं कर सकता है।
अगर आपको भी अस्पताल या बीमा कंपनी के इस मनमाने रवैये से जूझना पड़ रहा है तो आप अस्पताल के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे दर्ज कराएं शिकायत।
पढ़ें- नया डेबिट कार्ड मिलते ही करें ये काम! नहीं तो हो जाएगा नुकसान
पढ़ें- दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की प्राइज लिस्ट, जानिए कितने में मिलेगी कार और बाइक
यहां दर्ज कराएं शिकायत
- आप अपनी शिकायत इंश्योरेंस कंपनी के ग्रीव्यांस रिड्रेसल मैकेनिज्म यानी झगड़े सुलझाने वाली व्यवस्था के पास ले जा सकते हैं। इश्योरेंस कंपनी को 15 दिनों के अंदर-अंदर आपकी शिकायत को सुलझाना होगा।
- अगर आप इंश्योरेंस कंपनी के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो आप इंटीग्रेटेड ग्रीव्यांस मैनेजमेंट सिस्टम (IGMS) पर जाकर इरडा को अपनी शिकायत भेज सकते हैं।
- अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए आपको इरडा की वेबसाइट igms.irda.gov.in पर जाना होगा। वहां पर आपको खुद को रजिस्टर करना होगा और अपनी नाम, पता, लिंग और जन्मतिथि जैसी जानकारियां देनी होंगी और फिर लॉगिन करना होगा। अगर आपने पहले भी ये सुविधा इस्तेमाल की है तो आप पहले से ही रजिस्टर होंगे और आपको बस लॉगिन करना होगा।
- आप चाहे तो complaints@irdai.gov.in पर ईमेल कर के या फिर टोल फ्री नंबर 155255 या 18004254732 पर कॉल कर के भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
कैशलेस इलाज सुविधा नहीं तो होगी कार्रवाई
देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर के बीच गंभीर संकट का सामना कर रहा है। देश के अस्पताल मरीजों से अटे पड़े हैं। इस बीच ऑक्सीजन और दवाओं की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। कोरोन के चलते अस्पताल भी मरीजों से मोटी फीस वसूल रहे हैं। दूसरी ओर बीमा कंपनियां मरीजों को कैशलैस हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ भी नहीं दे रही हैं। इन शिकायतों के सामने आने के बाद भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि IRDAI ने निर्देश दिए हैं कि जहां बीमाकर्ताओं के पास कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए अस्पतालों के साथ व्यवस्था है ऐसे नेटवर्क कैशलेस इलाज मुहैया कराने के लिए बाध्य हैं।
पढ़ें- शहर में भी लागू हो मनरेगा, मोदी सरकार को अर्थशास्त्री जयां द्रेज का सुझाव
पढ़ें- बीजेपी शासित इस राज्य में 5 रुपये सस्ता हुआ पेट्रोल, शराब के दाम भी 25% घटे, आज रात से घटेंगी कीमतें
केंद्रीय वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि ऐसी रिपोर्टें मिल रही हैं कि कुछ अस्पताल कैशलेस बीमा की सहूलियत लोगों को देने से मना कर रहे हैं। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण को व्यापक स्वास्थ्य बीमा में शामिल किया गया। कैशलेस इलाज की सुविधा नेटवर्क अस्पतालों के साथ-साथ अस्थाई अस्पतालों में भी उपलब्ध है। हालांकि वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बीमा कंपनियों ने 8,642 करोड़ रुपए के कोविड से जुड़े नौ लाख से अधिक दावों का निपटान किया है।